World Chess Champion: 18 साल के डी गुकेश बने सब से युवा विश्व चैंपियन, रच दिया इतिहास

World Chess Champion: भारत ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है। भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश विश्व चैंपियन बन गए हैं। गुकेश डी ने चीन के डिंग लिरेन को हरा कर वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया है…अधिक पढ़े.

भारत के गुकेश दोम्माराजू शतरंज की वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाले सब से कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं।

World Chess Champion: भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर गुकेश चीन के डिंग लिरेन को 14वीं व अंतिम बाजी में हराया और वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाले पहले भारतीय भी बन गए हैं। वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद गुकेश अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सब से युवा खिलाड़ी बने थे। वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद डी गुकेश ने कहा कि वह पिछले 10 वर्षों से इस पल का सपना देख रहे थे और उन्हें खुशी है कि उन का यह सपना पूरा हुआ।

World Chess Champion: गुकेश की एक आदत है, किसी भी मैच में अपनी पहली चाल चलने से पहले वो आंखें बंद कर ध्यान केंद्रित करते हैं और फिर खेल आगे बढ़ाते हैं।

लगता है इस बार अपनी आंखें बंद करते हुए उन्होंने खुद को वर्ल्ड चैंपियन के तौर पर देख लिया होगा।

चेन्नई के रहने वाले 18 साल के गुकेश ने सिंगापुर में खेले गए मैच में चीन के ग्रैंड मास्टर डिंग लिझेन को हरा कर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती है।

एक पखवाड़े तक चले इस वर्ल्ड चेस टूर्नामेंट के दौरान गुकेश ने कमाल का खेल दिखाया और कई बार पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की। अंत में 14वीं बाजी अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। चीन के लिरेन ने 2023 में रूस के इयान नेपोमनियाची के खिलाफ उतार-चढ़ाव भरे मुकाबले में जीत के साथ वर्ल्ड चैंपियन बने थे लेकिन इस बार गुकेश ने उन का सपना तोड़ दिया।

World Chess Champion: गुकेश बेहद विनम्र हैं। जीतने के बाद उन्होंंने अपने प्रतिद्वंद्वी डिंग लिझेन की तारीफ़ की।

उन्होंने कहा, ”हम सब जानते हैं कि डिंग (लिझेन) कौन हैं – वह कई साल से शतरंज की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। मेरे लिए वह असली वर्ल्ड चैंपियन हैं।”

World Chess Champion: ”चैंपियनशिप में आने से पहले वो शायद शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट नहीं थे, लेकिन वह हर बाज़ी में सच्चे चैंपियन की तरह लड़े. मुझे डिंग और उन की टीम के लिए अफ़सोस है।”

ये चैंपियनशिप इस मामले में ऐतिहासिक है कि इस के 138 साल के इतिहास में ख़िताबी जीत के लिए दो एशियाई खिलाड़ी ही आमने-सामने थे। पूर्व विश्व चैंपियन डिंग लिझेन और भारत के गुकेश दोम्माराजू।

इस चैंपियनशिप में खेले गए 14 दौर की बाज़ियों में से 13वें दौर तक मुक़ाबला बराबरी पर चल रहा था। साफ़ है कि मुक़ाबला कितना कड़ा था।

हर राउंड कई-कई घंटे तक चला। इस से पूरे टूर्नामेंट में शतंरज प्रेमियों की दिलचस्पी बनी हुई थी।

गुकेश ने पहली बार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती है। अपनी इस जीत से गुकेश शतरंज के आसमान में एक नए सितारे की तरह चमके हैं।

इस जीत के साथ ही अब शतरंज की दुनिया को नया और सब से युवा चैम्पियन मिल गया है। गुकेश से पहले रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव सबसे कम उम्र के वर्ल्ड चेस चैम्पियन थे, जिन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था।

लेकिन ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने सातवें राउंड में गुकेश के खेल की तारीफ करते हुए कहा था ये ”काफी जटिल और मुश्किल गेम है”

गुकेश अब इस मौके का हिस्सा बन कर रोमांचित हैं।

World Chess Champion: पत्रकारों ने चैंपियनशिप में डिंग लिझेन से मुक़ाबले से पहले गुकेश से पूछा कि ये टूर्नामेंट जीतने के बाद वो क्या करेंगे।

इस पर उन्होंने कहा, ”मुझे पता नहीं है। सब से पहले मैं खुश होऊंगा।”

18 साल के गुकेश चेन्नई के रहने वाले हैं। चेन्नई को भारत की शतरंज राजधानी माना जाता है और यहां से इस के ज्यादातर चैंपियन निकले हैं।

मुकेश के परिवार में शतरंज का कोई खिलाड़ी नहीं था जो उन्हें इस के गुर बताता या फिर उन्हें प्रेरित करता।

लेकिन गुकेश ने सिर्फ़ इस खेल के प्रति दीवानगी के बूते वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत ली।

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