Aaj Ka Panchang 13 Jan: आज के दिन का पंचांग के साथ घर में शांति और आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु धार्मिक उपाय जानकारी शास्त्रों के अनुसार, साथ ही हम जानेंगे की लक्ष्मी माता की बड़ी बहन दरिद्रा देवी कहाँ निवास करती है ? आज के दिन का शुभ मुहूर्त और राहु काल के बारे में दी गई है जिन्हें उपयोग करके आप अपने दिन को और मंगल और शुभ बनाए..आइए जानते है क्या है पूरी जानकारी…अधिक पढ़े.
Panchang 13 January: आज का हिन्दू पंचांग शास्त्रों के अनुसार देखे
दिनांक – 13 जनवरी 2025
दिन – सोमवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्दशी प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात पूर्णिमा प्रातः 03:56 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – आर्द्रा प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – वैधृति प्रातः 04:39 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात विषकम्भ
राहु काल – प्रातः 08:44 से प्रातः 10:06 तक
सूर्योदय – 07:26
सूर्यास्त – 06:09
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:38 से 06:30 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:27 से दोपहर 01:10 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 जनवरी 14 से रात्रि 01:15 जनवरी 14 तक
व्रत पर्व विवरण – पौषी पूर्णिमा, लोहड़ी
विशेष – पूर्णिमा को तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
Panchang: घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु धार्मिक उपाय
सोते समय सिरहाने के पास किसी सफेद कागज में थोड़ा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें । इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है ।
याद न रहने के मूल कारण क्या ?
- मनोयोग का अभाव
- रुचि का अभाव
- एकाग्रता का अभाव
- संयम का अभाव
नहीं तो बहुत कुछ याद रह सकता है । इसमें कोई जादूगरी नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हैं । स्मृतिकेंद्र को विकसित करनेवाला मंत्र ले लिया, ज्ञानतंतुओं को शुद्ध करनेवाला ‘ॐ गं गणपतये नम: …. ॐ गं गणपतये नम: ….’ जप करके थोडा ध्यान किया तो यह स्मृतिशक्ति बढ़ाना आदि या परीक्षा में अच्छे अंक लाना – यह कोई बड़ी बात नही हैं ।
Panchang: लक्ष्मीजी की बड़ी बहन दरिद्रा देवी कहाँ निवास करती है ?
समुद्र-मंथन करने पर लक्ष्मीजी की बड़ी बहन दरिद्रा देवी प्रकट हुई । वे लाल वस्त्र पहने हुए थी । उन्होंने देवताओं से पूछा : “मेरे लिए क्या आज्ञा हैं ?”
तब देवताओं ने कहा : “जिनके घर में प्रतिदिन कलह होता हो उन्हीं के यहाँ हम तुम्हें रहने के लिए स्थान देते हैं । तुम अमंगल को साथ लेकर उन्हीं घरों में जा बसों । जहाँ कठोर भाषण किया जाता हो, जहाँ के रहनेवाले सदा झूठ बोलते हों तथा जो मलिन अंत:करणवाले पापी संध्या के समय सोते हों, उन्हींके घर में दुःख और दरिद्रता प्रदान करती हुई तुम नित्य निवास करो । महादेवी ! जो खोटी बुद्धिवाला मनुष्य पैर धोये बिना ही आचमन करता है, उस पापपरायण मानव की ही तुम सेवा करो अर्थात उसे दुःख-दरिद्रता प्रदान करो ।” ( पुद्मपुराण, उत्तर खंड, अध्याय २३२)
(हमारा आचार-व्यवहार व रहन-सहन कैसा हो यह जानने हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित सत्साहित्य ‘मधुर व्यवहार’ व ‘क्या करें , क्या न करे ?”)