Rajasthan Medical News: राजस्थान के चिकित्सा संस्थानों में लापरवाही की एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में डॉ. गिरधर गोयल नामक डॉक्टर 7 साल तक बिना लाइसेंस के मरीजों का इलाज करते रहे। इस खुलासे के बाद चिकित्सा विभाग पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Rajasthan Medical News 7 साल तक बिना लाइसेंस के प्रैक्टिस
राजस्थान मेडिकल काउंसिल (RMC) के रजिस्ट्रार डॉ. गिरधर गोयल का लाइसेंस 2016 में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्होंने 2024 में जाकर इसे रिन्यू कराया। इस दौरान उन्होंने SMS ट्रॉमा सेंटर में भी सेवाएं दीं। यह मामला सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
केवल 1000 रुपये का जुर्माना लगा
लाइसेंस खत्म होने के बावजूद 7 साल तक अवैध रूप से चिकित्सा सेवाएं देने के मामले में डॉ. गोयल पर सिर्फ 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
- 6 फरवरी 2024 को उन्होंने लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए आवेदन किया।
- RMC ने 1 हजार रुपये की पेनल्टी लगाकर उनका लाइसेंस 27 अप्रैल 2026 तक के लिए रिन्यू कर दिया।
क्या सिर्फ जुर्माना काफी है?
इस मामले ने चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि क्या सिर्फ 1000 रुपये के जुर्माने से इतनी बड़ी लापरवाही को नजरअंदाज किया जा सकता है? स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
चिकित्सा विभाग पर उठे सवाल
इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था कितनी लाचार और अव्यवस्थित है। जब RMC का रजिस्ट्रार ही नियमों का उल्लंघन कर सकता है, तो अन्य डॉक्टरों पर कैसे भरोसा किया जाए?
स्वास्थ्य विभाग से अब इस मामले की गहन जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जा सके।