Rajasthan News : मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में SFAB कर्मचारियों को कई विभागों में अभी तक जनवरी , फरवरी माह का वेतन नहीं मिला हे कही बार प्रशासन को सभी गुहार भी लगा चुके है लेकिन किसी को इन कर्मचारियों की चिंता नहीं हे ये गरीब लोग कैसे अपने बच्चों को पाल रहे है किस परिस्थिति में अपना घर चला रहे हे मार्च का भी आधा महीना होने आया है। ओर सबसे बड़ी बात हिंदुओं का सबसे बड़ा होली का त्यौहार भी हे कैसे परिवार चलाए ओर कैसे त्योहार मनाए। प्रशासन की विकृत मानसिकता यह दर्शाती हैं कि इन गुलामों से सिर्फ काम करवाओ और अगर पेसो की मांग करे तो उनकी तनख्वाह से पैसे उड़ाओ अपने हक की लड़ाई भी नहीं लड़ पाते।
पिछले साल भी कर्मचारियों को 3 माह बाद वेतन, आखिर कब तक परेशान होगा कर्मचारी!
गत वर्ष भी सभी की होली फीकी रही थी उस समय भी तीन माह बाद पैसा मिला वही स्थिति इस बार फिर दोहराई जा रही हे। इससे यह प्रतीत होता हे कि इनको परेशान जितना करेंगे उससे यह लोग सभी यहां से नौकरी छोड़ कर चले जाएंगे तो प्रशाशन अपने चहेतो को रोजगार दे सकेगा । राजस्थान सरकार की ओर से जारी 1.1.2025 से 31.12.2025 तक 1 साल का कार्यकाल बढ़ा दिया उसका आदेश भी आ गया लेकिन आज दिनांक तक उसकी पालना भी नहीं हुई और ना एक साल का ऑर्डर प्रशाशन ने SFAB कर्मचारियों का जारी किया। सभी कर्मचारियों को हड़ताल एवं आंदोलन का सहारा लेना पड़ा इस दौरान सभी छात्रों ओर स्थाई ओर अस्थाई सभी ने पूरा विश्वविद्यालय बंद करवाया सभी राजनीतिक लोगों ने भी सहयोग किया। तब सरकार को भी सहयोग करना पड़ा और सभी के सहयोग से एक साल का ऑर्डर सरकार को जारी करना पड़ा।
सरकार के आदेश की भी उड़ाई धज्जिया!, अभी तक कोई सुनवाई नहीं
यह बताते हुए बहुत दुख हे कि राजस्थान सरकार के आदेश की भी अवहेलना की जा रही हे इस कारण से SFAB कर्मचारियों को जनवरी , फरवरी माह की भी सेलरी नहीं मिली ओर मार्च भी आधा खत्म होने आया हे और परसो होली का त्यौहार भी है। इन कर्मचारियों की अब कौन सुने ना ही ऑर्डर ना ही तनख्वाह । सिर्फ काम करो समय पर सेलरी नहीं देना। यह कहा का न्याय हे। यह सभी कृत्य कर्मचारियों को परेशान करने वाले हे। सरकार को ओर उदयपुर की जनता को तो मालूम ही है कि SFAB कर्मचारियों को समय पर सेलरी नहीं मिलने पर पूरे साल में तीन बार आंदोलन ओर हड़ताल करनी पड़ी। सरकार ने तो गरीबों की सुन ली और एक वर्ष का ऑर्डर जारी कर दिया लेकिन मोहनलाल सुखाड़िया विश्विद्यालय प्रशासन का अभी भी उदासी रवैया हैं। आपसे विनती हे कि हम गरीबों की आवाज को जनता ओर सरकार तक पहुंचाने में सहयोग ओर साथ दे।