Rajasthan Employees के 70 हजार कर्मचारियों की 35 साल पुरानी मांग हुई पूरी, सरकार का बड़ा फैसला

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राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 70 हजार मंत्रालयिक (Rajasthan Employees) की 35 साल पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में बजट पर जवाब देते हुए मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय की स्थापना की घोषणा की। इस फैसले से राज्य के विभिन्न विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जो 1990 से इस मांग को उठा रहे थे।

मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय की स्थापना

राज्य सरकार ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की सुविधा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अलग से निदेशालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मंत्रालयिक कर्मचारी अपने वेतन विसंगति, पदोन्नति, कैडर स्ट्रेंथ और सीनियरिटी से जुड़ी समस्याओं को लेकर सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखते रहे हैं। पूर्व में इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, जिससे कर्मचारियों को संघर्ष करना पड़ता था। अब एक अधिकृत निदेशालय होने से उनकी मांगों को सही मंच मिलेगा और सरकार के लिए निर्णय लेना भी आसान होगा।

कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग

राजस्थान में मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा 35 वर्षों से इस निदेशालय की मांग की जा रही थी। पूर्ववर्ती सरकारों, जैसे वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत के कार्यकाल में भी इस मुद्दे को लेकर बड़े स्तर पर धरने-प्रदर्शन हुए थे। आखिरकार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है, जिससे प्रदेशभर के लगभग एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

क्या बोले कर्मचारी संगठन?(Rajasthan Employees)

इस फैसले पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिससे मंत्रालयिक कर्मचारियों को अपनी समस्याओं को सीधे सरकार तक पहुंचाने का प्लेटफॉर्म मिलेगा। वहीं, राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र सिंह नरूका ने कहा कि अब मंत्रालयिक कर्मचारियों की बात अधिकृत रूप से सरकार तक पहुंचेगी और उनके मुद्दों का समाधान जल्द संभव होगा।

निदेशालय की जरूरत क्यों पड़ी?

अन्य विभागों के लिए पहले से ही निदेशालय बने हुए हैं, जो कर्मचारियों की समस्याओं को संकलित कर सरकार तक पहुंचाते हैं। इससे सरकार के लिए फैसले लेना आसान हो जाता है। मंत्रालयिक कर्मचारियों का अब तक कोई अलग निदेशालय नहीं था, जिससे उनकी मांगों को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी। इस नए निदेशालय के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं को व्यवस्थित रूप से सरकार तक पहुंचाने और उनके समाधान में तेजी लाने में मदद मिलेगी।(Rajasthan Employees) 

सरकार के अन्य बड़े फैसले

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बजट भाषण के दौरान मंत्रालयिक कर्मचारी निदेशालय की घोषणा के अलावा भी कई बड़े फैसले किए। इनमें प्रदेशभर में 994 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की घोषणा भी शामिल है, जिसका लाभ हजारों महिलाओं और बच्चों को मिलेगा। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश से जुड़ी नीतियों में भी बदलाव की संभावना है।

राजनीतिक हलचल और भविष्य की संभावनाएं

राजस्थान की राजनीति में यह फैसला बड़ा असर डाल सकता है। सरकार के इस कदम से जहां मंत्रालयिक कर्मचारियों में संतोष देखने को मिल सकता है, वहीं विपक्षी दल भी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर सकते हैं। राजस्थान में आगामी चुनावों के मद्देनजर इस तरह के निर्णय सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

राजस्थान सरकार द्वारा मंत्रालयिक Rajasthan Employees के लिए निदेशालय की स्थापना एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे न केवल कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था भी अधिक प्रभावी होगी। 35 वर्षों से चली आ रही इस मांग को पूरा करने से सरकार ने मंत्रालयिक कर्मचारियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का क्रियान्वयन कितनी तेजी से होता है और कर्मचारियों को इसका वास्तविक लाभ कब तक मिलता है।

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