Watch Video: वे दुखी होंगे! वक्फ बिल पर अनिरुद्धाचार्य महाराज ने ये क्या कह दिया

वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो चुका है। इस बिल को लेकर देश भर में चर्चा तेज है। इसी बीच, प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस विधेयक का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार की तारीफ की और इशारों-इशारों में कांग्रेस पर कटाक्ष किया।

अनिरुद्धाचार्य जी का बयान

एक वीडियो संदेश में अनिरुद्धाचार्य जी ने कहा, “यह अच्छी बात है कि वक्फ संशोधन विधेयक पारित हो गया है। अब गरीब मुसलमानों को उनका हक मिलेगा। पहले वक्फ बोर्ड की सत्ता केवल चंद लोगों के हाथ में थी, लेकिन अब यह शक्ति आम लोगों के हित में काम करेगी। केंद्र सरकार ने आम जनता की सेवा में सराहनीय काम किया है। जिन्होंने आज तक सत्ता का दुरुपयोग किया, उनकी ताकत छीन ली गई है। स्वाभाविक है कि वे दुखी होंगे।”

उनके इस बयान को लेकर माना जा रहा है कि “दुखी होंगे” कहकर वे विपक्षी दलों, खास तौर पर कांग्रेस, पर निशाना साध रहे हैं, जो इस बिल का पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

वक्फ बिल का संसदीय सफर

वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में 3 अप्रैल 2025 को मंजूरी मिली, जहां 288 सांसदों ने इसके पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट दिया। इसके बाद राज्यसभा में 11 घंटे की मैराथन बहस के बाद 4 अप्रैल को इसे पेश किया गया। ऊपरी सदन में 128 सदस्यों ने समर्थन और 95 ने विरोध में मतदान किया। इस तरह यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो गया।

कांग्रेस और AIMIM का विरोध

बिल के पारित होने के बाद कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को अलग-अलग याचिकाएं दायर कीं। जावेद ने अपनी याचिका में कहा कि बिल में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर “मनमाने प्रतिबंध” लगाए गए हैं, जो मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता को कमजोर करते हैं। ओवैसी ने इसे संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन बताया, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।

क्या है विवाद?

वक्फ संशोधन विधेयक का मकसद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाना और गरीब मुस्लिम समुदाय के हितों को सुनिश्चित करना बताया जा रहा है। सरकार का दावा है कि यह बिल भू-माफियाओं और दुरुपयोग को रोकने के लिए है। लेकिन विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला मानता है।

अनिरुद्धाचार्य का कांग्रेस पर तंज

अनिरुद्धाचार्य जी ने अपने बयान में कांग्रेस का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके “वे दुखी होंगे” वाले कथन को विपक्षी दल से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस शुरू से ही इस बिल के खिलाफ रही है और इसे संविधान विरोधी करार दे रही है। अनिरुद्धाचार्य का यह बयान सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोग इसे गरीबों के पक्ष में उठाया गया कदम मान रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक टिप्पणी के तौर पर देख रहे हैं।

आगे क्या?

कांग्रेस और AIMIM के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि अदालत इस बिल की वैधता पर क्या फैसला सुनाती है। दूसरी ओर, सरकार और समर्थक इसे गरीब मुस्लिम समुदाय के लिए ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं। अनिरुद्धाचार्य जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों का समर्थन भी इस बहस को नई दिशा दे रहा है।

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