Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme निवेशकों के लिए सोने में निवेश करने का एक शानदार विकल्प रही है। इस स्कीम की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी, जिसके तहत सरकार डिजिटल तरीके से सस्ता सोना बेचती थी। इस योजना को खासतौर पर उन लोगों के लिए शुरू किया गया था, जो फिजिकल गोल्ड खरीदने के बजाय सुरक्षित और ब्याज देने वाले ऑप्शन की तलाश में थे।
लेकिन अब सरकार इस योजना को बंद करने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस स्कीम की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही इसे पूरी तरह बंद किया जा सकता है। ऐसे में जो लोग गोल्ड में निवेश करने की सोच रहे थे, उनके लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है।
क्या है Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme?
SGB स्कीम के तहत सरकार सोने में निवेश करने का एक डिजिटल और सुरक्षित तरीका उपलब्ध कराती थी। इस योजना के तहत निवेशक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते थे, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते थे। इस स्कीम के तहत निवेशकों को 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता था, जो इसे अन्य गोल्ड निवेश ऑप्शंस से बेहतर बनाता था।
SGB की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसमें कोई जीएसटी (GST), मेकिंग चार्ज या स्टोरेज कॉस्ट नहीं लगती थी, जिससे यह फिजिकल गोल्ड खरीदने की तुलना में काफी सस्ता पड़ता था। साथ ही, इसकी मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का होता था, लेकिन निवेशक 5 साल बाद भी इसे बेच सकते थे।
अब सरकार इसे क्यों बंद कर रही है?
सरकार के इस स्कीम को बंद करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
1. चालू खाता घाटा (Current Account Deficit – CAD) को नियंत्रित करना
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का आयातक (Gold Importer) है। हर साल देश में भारी मात्रा में सोने का आयात किया जाता है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) पर दबाव पड़ता है और चालू खाता घाटा (CAD) बढ़ता है। सरकार गोल्ड की मांग को कम करना चाहती है ताकि यह घाटा कंट्रोल में रहे।
2. डिजिटल गोल्ड और अन्य निवेश ऑप्शंस को बढ़ावा देना
SGB स्कीम के तहत निवेशकों को फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता था, बल्कि डिजिटल रूप में गोल्ड बॉन्ड दिया जाता था। सरकार चाहती है कि लोग गोल्ड के बजाय डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF या गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसी योजनाओं में निवेश करें।
3. सरकार पर वित्तीय बोझ
SGB स्कीम के तहत सरकार निवेशकों को 2.5% का सालाना ब्याज देती थी। यह ब्याज सरकार के लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ बन रहा था, जिसे कम करने के लिए सरकार इस योजना को बंद करने का विचार कर रही है।
निवेशकों के लिए क्या हैं विकल्प?
अगर सरकार SGB स्कीम को बंद कर देती है, तो निवेशकों को गोल्ड में निवेश करने के लिए अन्य विकल्पों को देखना होगा। कुछ प्रमुख विकल्प निम्नलिखित हैं:
1. गोल्ड ETF (Gold Exchange Traded Funds)
गोल्ड ETF शेयर बाजार में ट्रेड होने वाले फंड होते हैं, जो सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं। इसमें निवेश करने पर निवेशकों को फिजिकल गोल्ड की जगह डिजिटल रूप में यूनिट्स मिलती हैं।
2. गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड म्यूचुअल फंड भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें निवेशकों का पैसा गोल्ड माइनिंग कंपनियों या गोल्ड से जुड़े एसेट्स में लगाया जाता है।
3. डिजिटल गोल्ड
आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देते हैं। इसमें निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से छोटी-छोटी रकम से गोल्ड खरीद सकते हैं और जब चाहें इसे फिजिकल गोल्ड में बदल सकते हैं।
4. फिजिकल गोल्ड (Jewellery, Coins, Bars)
अगर कोई व्यक्ति गोल्ड को लंबे समय तक फिजिकल फॉर्म में रखना चाहता है, तो वह गोल्ड ज्वेलरी, सिक्के या गोल्ड बार खरीद सकता है। हालांकि, इसमें मेकिंग चार्ज, जीएसटी और स्टोरेज का खर्च ज्यादा आता है।
मौजूदा निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा?
अगर सरकार SGB स्कीम को बंद कर भी देती है, तो मौजूदा निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। जिन लोगों ने पहले ही SGB में निवेश कर रखा है, उनकी होल्डिंग मैच्योरिटी तक सुरक्षित रहेगी। यानी वे 8 साल पूरे होने के बाद इसे बाजार मूल्य पर भुना सकते हैं या फिर स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करके इसे बेच सकते हैं।
क्या SGB को फिर से लॉन्च किया जा सकता है?
सरकार की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन संभावना है कि सरकार इस योजना को कुछ बदलावों के साथ फिर से लॉन्च कर सकती है। उदाहरण के लिए, सरकार ब्याज दरों को घटाकर इस योजना को जारी रख सकती है, या इसे कुछ नए नियमों के तहत फिर से पेश किया जा सकता है।
निष्कर्ष
Sovereign Gold Bond Scheme भारत में गोल्ड निवेश के सबसे सुरक्षित और फायदे वाले विकल्पों में से एक रही है। अगर सरकार इसे बंद कर देती है, तो निवेशकों के पास गोल्ड ETF, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड जैसे अन्य विकल्प रहेंगे।
हालांकि, SGB में निवेश करने वाले लोग इस फैसले से निराश हो सकते हैं, क्योंकि यह योजना ब्याज के साथ टैक्स-फ्री रिटर्न देने वाली थी। अब देखना होगा कि सरकार इसे पूरी तरह बंद करती है या इसमें कुछ बदलाव कर इसे फिर से लॉन्च करती है।
आपका क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि सरकार को SGB स्कीम को जारी रखना चाहिए? हमें कमेंट में बताएं!