Child Marriage News: सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर किसी का भी खून खौल जाएगा। इस वीडियो में एक मासूम बच्ची अपने पिता की गोद में बैठी बिस्किट खा रही है, जबकि पीछे एक नन्हा दूल्हा सात फेरे ले रहा है। यह कोई मज़ाक या परंपरागत नाटक नहीं, बल्कि एक असली शादी का नजारा था। राजस्थान के किसी ग्रामीण इलाके में हुए इस बाल विवाह का वीडियो अब इंटरनेट पर तेज़ी से फैल रहा है, और लोगों में आक्रोश भर रहा है…पूरा मामला जानने के लिए पूरा पढ़े.
21वीं सदी में भी चालू है बाल विवाह की पुरानी कुप्रथा
भारत में बाल विवाह पर कानूनी प्रतिबंध है, लेकिन फिर भी कई दूर-दराज के इलाकों में यह कुप्रथा अब भी जारी है। सरकार ने सती प्रथा, दहेज प्रथा और Child Marriage को खत्म करने के लिए सख्त कानून बनाए, लेकिन जागरूकता की कमी और पुरानी सोच के कारण ये कुरीतियां पूरी तरह खत्म नहीं हो सकी हैं।
बाल विवाह एक अपराध है, लेकिन इसे अब भी चोरी-छिपे अंजाम दिया जाता है। खासतौर पर राजस्थान, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में यह एक आम घटना बन चुकी है। समाज और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ऐसे अपराध बेखौफ होकर किए जाते हैं।
बिस्किट खाती रही मासूम, मंत्र पढ़ता रहा पंडित!
इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छोटी बच्ची, जिसे शादी का मतलब भी नहीं पता, अपने पिता की गोद में बैठी बिस्किट खा रही थी। दूसरी तरफ, एक मासूम लड़का पंडित के मंत्रोच्चार के बीच फेरे ले रहा था। चौंकाने वाली बात यह थी कि वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने इस बाल विवाह का विरोध नहीं किया।
इस शादी में न केवल परिवार वाले, बल्कि रिश्तेदार और मेहमान भी शामिल थे, जो इसे एक सामान्य विवाह की तरह देख रहे थे। समाज की यही मानसिकता Child Marriage जैसी कुप्रथाओं को जिंदा रखती है।
शादी में आए मेहमान ने किया वीडियो वायरल, अब भड़के लोग
इस बाल विवाह में शामिल एक मेहमान ने ही इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही हज़ारों लोगों ने इस पर गुस्सा जताया और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वीडियो देखने के बाद कई लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि 21वीं सदी में भी ऐसे Child Marriage के नजारे देखने को मिल सकते हैं।
क्या राजस्थान में आज भी आम है बाल विवाह की कुप्रथा?
विशेषज्ञों के मुताबिक, राजस्थान के दूर-दराज के गांवों में आज भी बाल विवाह को सामाजिक परंपरा के रूप में देखा जाता है। वहां के लोग कानून की परवाह किए बिना नाबालिग बच्चों की शादी करवा देते हैं।
हालांकि सरकार और सामाजिक संस्थाएं इसके खिलाफ लगातार अभियान चला रही हैं, लेकिन सामाजिक सोच Child Marriage को बदलने में अभी और समय लगेगा।
21वी सदी के समाज को बदलना होगा, नहीं तो ऐसे मामले रुकेंगे नहीं
बाल विवाह सिर्फ कानूनन अपराध नहीं, बल्कि यह मासूम बच्चों के भविष्य को अंधकार में धकेलने वाली कुप्रथा है। यह उनके मानसिक, शारीरिक और आर्थिक विकास पर बुरा असर डालता है।
जब तक समाज खुद इस Child Marriage अपराध के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाएगा, तब तक यह समस्या बनी रहेगी। सरकार को भी इस मुद्दे पर और सख्ती दिखानी होगी, ताकि इस तरह के अपराध दोबारा न हो सकें।
आपको क्या लगता है, ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए और क्या किया जाना चाहिए?