Deshi Home Medicine: घर पर ही आप अपने सर्दी-जुखाम जैसे और भी छोटे-मोटे रोगों का इलाज एकदम सरल और सटीक तरीक़े से कर सकते है बिना किसी ज़्यादा खर्चे के घर पर करे बस एक पेड़ के पतों से होगा ये संभव..आइए जानते है क्या है पूरी जानकारी…अधिक पढ़े.
Deshi Home Medicine: औषधीय गुणों से परिपूर्ण; पारिजात
पारिजात या हरसिंगार को देवलोक का वृक्ष कहा जाता है । कहते हैं कि समुद्र – मंथन के समय विभिन्न रत्नों के साथ – साथ यह वृक्ष भी प्रकट हुआ था । इसकी छाया में विश्राम करनेवाले का बुद्धिबल बढ़ता है । यह वृक्ष नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाता है । इसके फूल अत्यंत सुकुमार व सुगंधित होते हैं जो दिमाग को शीतलता व शक्ति प्रदान करते हैं । हो सकते तो अपने घर के आसपास इस उपयोगी वृक्ष को लगाना चाहिए ।
पारिजात ज्वर व कृमि नाशक, खाँसी – कफ को दूर करनेवाला, यकृत की कार्यशीलता को बढ़ानेवाला, पेट साफ़ करनेवाला तथा संधिवात, गठिया व चर्मरोगों में लाभदायक है ।
Deshi Home Medicine : औषधीय प्रयोग इलाज कैसे?
- पुराना बुखार : इसके 7 – 8 कोमल पत्तों के रस में 5 – 10 मि. ली. अदरक का रस व शहद मिलाकर सुबह – शाम लेने से पुराने बुखार में फायदा होता है ।
- बच्चों के पेट में कृमि : इसके 7 – 8 पत्तों के रस में थोडा – सा गुड़ मिला के पिलाने से कृमि मल के साथ बाहर आ जाते हैं या मर जाते हैं ।
- जलन व सुखी खाँसी : इसके पत्तों के रस में मिश्री मिला के पिलाने से पित्त के कारण होने वाली जलन आदि विकार तथा शहद मिला के पिलाने से सुखी खाँसी मिटती हैं ।
- बुखार का अनुभूत प्रयोग : 30 – 35 पत्तों के रस में शहद मिलाकर 3 दिन तक लेने से बुखार में लाभ होता है ।
- चिकनगुनिया का बुखार होने पर बुखार ठीक होने के बाद भी दर्द नहीं जाता । ऐसे में 10 – 15 दिन तक पारिजात के पत्तों का यह काढ़ा बहुत उपयोगी है ।
Deshi Home Medicine: पारिजात के पतों का बीमारी में उपयोग
- सायटिका व स्लिप्ड डिस्क : पारिजात के 60 – 70 ग्राम पत्ते साफ़ करके 300 मि. ली. पानी में उबालें । 200 मि.ली. पानी शेष रहने पर छान के रख लें. 25 – 50 मि.ग्रा. केसर घोंटकर इस पानी में घोल दें । 100 मि.ली. सुबह – शाम पियें । 15 दिन तक पीने से सायटिका जड़ से चला जाता है | स्लिप्ड डिस्क में भी यह प्रयोग रामबाण उपाय है । वसंत ऋतू में ये पत्ते गुणहीन होते हैं अत: यह प्रयोग वसंत ऋतू में लाभ नहीं करता
- संधिवात, जोड़ों का दर्द, गठिया : पारिजात की 5 से 10 पत्तियाँ पीस के एक गिलास पानी में उबालें, आधा पानी शेष रहने पर सुबह खाली पेट 3 महीने तक लगातार लें । पुराने संधिवात, जोड़ों के दर्द, गठिया में यह प्रयोग अमृत की तरह लाभकारी है । अगर पूरी तरह ठीक नहीं हुआ तो 10 – 15 दिन छोडकर पुन: 3 महीने तक करें इस प्रयोग से अन्य कारणों से शरीर में होनेवाली पीड़ा में भी राहत मिलती है । पत्थकर आहार लें ।
(सूचना: यहाँ दी गई स्वास्थ्य संबंधी जानकारी( देशी नुस्ख़े, देशी दवाए, या देशी इलाज) के साथ किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को स्वयं पर इस्तेमाल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श कर लेवे ताकि आपके किसी अन्य रोग से कोई समस्या ना हो जाए)