धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का महत्व विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ा है। धनतेरस को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और इस दिन सोना या चांदी खरीदना आर्थिक उन्नति और खुशहाली का संकेत माना गया है।
समुद्र मंथन और भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति
एक पौराणिक कथा के अनुसार, धनतेरस का संबंध समुद्र मंथन से है। जब देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया, तो मंथन से कई अनमोल चीजें प्राप्त हुईं। इन चीजों में धन, लक्ष्मी, चंद्रमा, कामधेनु गाय, और अन्य रत्न भी शामिल थे। मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। धनतेरस को भगवान धन्वंतरि का जन्मदिन भी माना जाता है। वे आयुर्वेद के देवता और चिकित्सा के जनक माने जाते हैं। इसलिए इस दिन उनका पूजन कर स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना की जाती है।
राजा हिमा और उनकी पत्नी की कहानी
एक अन्य कथा के अनुसार, प्राचीन काल में राजा हिमा नामक एक राजा थे। उनके बेटे की कुंडली के अनुसार यह भविष्यवाणी की गई थी कि उसकी शादी के चौथे दिन उसे सांप के काटने से मृत्यु का सामना करना पड़ेगा। इस भविष्यवाणी को जानकर उसकी पत्नी ने उपाय सोचा। विवाह के चौथे दिन, उसने अपने पति को सोने नहीं दिया और रात भर कहानियां सुनाईं। उसने घर के मुख्य द्वार पर सोने-चांदी के गहने और सिक्कों का ढेर लगा दिया और घर को दीयों से सजाया।
जब मृत्यु के देवता यमराज सांप के रूप में वहां आए, तो वे सोने-चांदी की चमक और दीयों की रोशनी से अंधे हो गए। वे कमरे में प्रवेश नहीं कर सके और बिना कुछ किए लौट गए। इस प्रकार राजा हिमा के बेटे की जान बच गई। तभी से धनतेरस के दिन दीप जलाने और सोने-चांदी खरीदने की परंपरा शुरू हुई, ताकि दुर्भाग्य और अकाल मृत्यु से बचा जा सके।
इन कथाओं के कारण धनतेरस को समृद्धि, स्वास्थ्य, और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
1. माँ लक्ष्मी का आह्वान
धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जो धन-संपत्ति और वैभव की देवी हैं। सोना और चांदी की खरीदारी को माँ लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।
2. शुभता का प्रतीक
सोना और चांदी शुद्ध धातुएं मानी जाती हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक होती हैं। मान्यता है कि धनतेरस पर इन धातुओं की खरीदारी से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और दुर्भाग्य दूर होता है।
3. अच्छी किस्मत और वृद्धि का संकेत
धनतेरस पर सोना या चांदी खरीदना भविष्य में आर्थिक वृद्धि और संपन्नता की ओर संकेत करता है। इसे एक नई शुरुआत और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है, जो जीवन में खुशहाली और सफलता लाता है।
4. आर्थिक स्थिरता का प्रतीक
सोना और चांदी लंबे समय से संपत्ति और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक रहे हैं। इस दिन इनकी खरीदारी से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और वह सुरक्षित महसूस करता है।
5. परंपरा और विश्वास
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना एक पुरानी परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यह विश्वास है कि इस दिन की गई खरीदारी से साल भर के लिए घर में धन-धान्य और समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता, सुख-समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य बना रहता है।
धनतेरस के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से दो मुख्य कथाएं इस पर्व से जुड़ी हैं। ये कथाएं न केवल इस पर्व के महत्व को समझाती हैं बल्कि इसे मनाने के कारण भी बताती हैं।