Rajasthan : अलवर के खैरथल जिले के कोटकासिम में गुरुवार रात को भारी पुलिस बल के साथ एक दलित दूल्हे की बिंदोली निकाली गई दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने के लिए वहां की 3 थानों की पुलिस बुलाई गई बाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ाया गया ढोल नगाड़े के साथ उसकी बिंदौली निकाली गई..आइए जानते है पूरा मामला क्या है….अधिक पढ़े
3 DSP के साथ पूरा गाँव छावनी में तब्दील
अलवर के पास खैरथल जिले के कोटकासिम थाना इलाके में स्थित लड़ोद गांव में एक दलित दूल्हे की बारात निकालने के लिए तीन थानों की पुलिस बुलानी पड़ी जिसमें 3 DSP पहुंचे इसे पूरा गांव पुलिस छावनी में बदल गया शादी में बाराती से ज्यादा पुलिस वाले थे इस गांव में पहली बार दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा है इसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में दलित दूल्हे की बिंदोली निकाली गई बिंदोली शांतिपूर्वक संपन्न हो जाने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के साथ पूरा ज़ाब्ता खड़ा रहा।
दबंगो के डर से बुलाई 3 थानो की पुलिस
स्थानीय पुलिस के अनुसार दूल्हे आशीष और उसके परिजनों ने उसको लेकर एक अर्जी दी थी उसमें बताया गया था कि आशीष की शादी है और गुरुवार रात को उसकी बिंदोली निकाली जानी है आशीष के परिजनों का कहना था कि उन्हें डर है कि गांव के दबंग आशीष को घोड़ी पर बैठने नहीं देंगे और हंगामा खड़ा कर सकते हैं इसलिए उन्होंने पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाने के लिए कोटकासिम थाना अधिकारी नंदलाल जांगिड़, किशनगढ़ बास थाना अधिकारी जितेंद्र सिंह और भिवाड़ी CID, CB इंचार्ज प्रीति राठौड़ के साथ भारी पुलिस बल का ज़ाब्ता लडोद गांव पहुंचा इसके साथी तीन पुलिस उपाधीक्षक भी गाँव पहुंचे।
दूल्हे की बहन का दूल्हा भी गांव में पैदल आया था
जानकारी के मुताबिक इस गांव में पहली बार कोई दूल्हा अपनी शादी में घोड़ी पर बैठा है बताया गया कि इस दूल्हे की बहन की कुछ साल पहले शादी हुई थी जिसमें दबंग के डर से दूल्हा गांव में पैदल ही आया और उसके बाद आशीष ने ठान लिया था कि वह अपनी शादी में घोड़ी पर जरूर बैठेगा इसलिए उसने घोड़ी पर बैठने का निर्णय किया पर उसे दबंग के आगे डर था इस पर उसने कोटकासिम थाना अधिकारी नंदलाल जागिंड को सुरक्षा मुहैया करने के लिए लिखित पत्र दिया था।
प्रतीतात्मक तस्वीर (Image Credit : Jobst Media )
डर के बीच हुआ संपन्न
अभी तक राजस्थान के कई गाँवो में आज भी दबंग के डर से दलित लोग अपने दूल्हे को घोड़ी पर बैठने से या बिठाने से डरते और सोचते हैं जबकि अब कुछ बदलाव होने लगा है बीते कुछ दिनों अजमेर और बाड़मेर में भी ऐसे मामले देखने को आए जब राजपूत समाज ने दलित समाज के लड़के और लड़कियों की शादी करवाई बाड़मेर में तो दलित की बेटी की शादी में पूरा ठाकुर परिवार शामिल हुआ और उनके आंगन में ही शादी संपन्न हुई वहीं अजमेर में दलित की बेटी की शादी के लिए वहां के राजपूत समाज ने खुद ही दुल्हन को घोड़ी बिठाकर बिंदोली निकालकर अनूठा उदाहरण पेश किया।
1 thought on “Rajasthan : दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा तो 3 थानों की पुलिस ने घेरा पूरा गांव बराती से ज्यादा हो गए पुलिस वाले…पढ़े पूरी खबर”
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