Ekadashi Panchang 10 January: आज के दिन का पंचांग के साथ ही एकादशी में क्या करें, क्या न करें?, पुत्रदा एकादशी के लिए विशेष जानकारी शास्त्रों के अनुसार दी गई… पढ़े पूरी जानकारी

Ekadashi Panchang 10 January

Ekadashi Panchang 10 Jan: आज के दिन का पंचांग के साथ ही एकादशी में क्या करें, क्या न करें?, पुत्रदा एकादशी के लिए विशेष जानकारी शास्त्रों के अनुसार दी गई है आज के दिन का शुभ मुहूर्त और राहु काल के बारे में दी गई है जिन्हें उपयोग करके आप अपने दिन को और मंगल और शुभ बनाए..आइए जानते है क्या है पूरी जानकारी…अधिक पढ़े.

Ekadashi Panchang 10 January: आज का हिन्दू पंचांग शास्त्रों के अनुसार

दिनांक – 10 जनवरी 2025
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी प्रातः 10:19 तक, तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – कृत्तिका दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग – शुभ दोपहर 02:37 तक, तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल – सुबह 11:26 से दोपहर 12:47 तक
सूर्योदय – 07:26
सूर्यास्त – 06:07
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:37 से 06:30 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:26 से दोपहर 01:09 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:21 जनवरी 11 से रात्रि 01:14 जनवरी 11 तक
 व्रत पर्व विवरण – पुत्रदा एकादशी, तैलंग स्वामी जयंती, कूर्म द्वादशी
विशेष – एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पूतिका (पोइ) खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

Ekadashi Panchang 10 January: पुत्रदा एकादशी : 10 जनवरी 2025

एकादशी में क्या करें, क्या न करें?

1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।

2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।

हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।

एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l

3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।

4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।

5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।

6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।

7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।

8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।

9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।

10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।

11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।

12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।

13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।

14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।

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