केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपये की बढ़ोतरी का ऐलान कर देश के करोड़ों उपभोक्ताओं को झटका दिया है। यह वृद्धि सामान्य उपभोक्ताओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों पर भी लागू होगी। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को इस फैसले की घोषणा की। नए दामों के मुताबिक, PMUY लाभार्थियों को अब प्रति सिलेंडर 550 रुपये चुकाने होंगे, जो पहले 500 रुपये था। वहीं, सामान्य उपभोक्ताओं के लिए कीमत 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो गई है।
क्यों बढ़ाई गई कीमतें?
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि यह कदम तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए उठाया गया है। उनके मुताबिक, पिछले कुछ समय में सब्सिडी वाली गैस की कीमतों के कारण इन कंपनियों को करीब 43,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार ने एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी और उत्पाद शुल्क (excise duty) में बदलाव किया है। हालांकि, पुरी ने आश्वासन दिया कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा, और यह फैसला अस्थायी है। सरकार हर 2-3 हफ्ते में स्थिति की समीक्षा करेगी।
किसे कितना देना होगा?
नए दाम 8 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इसका असर इस तरह होगा:
- PMUY लाभार्थी: पहले 500 रुपये प्रति सिलेंडर, अब 550 रुपये।
- सामान्य उपभोक्ता: पहले 803 रुपये प्रति सिलेंडर, अब 853 रुपये।
यह बढ़ोतरी 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलेंडर पर लागू है। सरकार का कहना है कि यह कदम उपभोक्ताओं पर बोझ डाले बिना तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी था।
क्रूड ऑयल की कीमतों का प्रभाव
वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में तेल की कीमतों में कमी आई है, लेकिन घरेलू स्तर पर सब्सिडी और घाटे की वजह से यह बढ़ोतरी जरूरी हो गई। पुरी ने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है और कीमतों की नियमित समीक्षा की जाएगी।
उपभोक्ताओं पर असर
इस बढ़ोतरी से रसोई का बजट प्रभावित होगा। खासकर मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर इसका बोझ पड़ सकता है। उज्ज्वला योजना के तहत सस्ती गैस पाने वाले परिवारों के लिए भी 50 रुपये की यह बढ़ोतरी मुश्किलें बढ़ा सकती है। हालांकि, सरकार ने इसे अस्थायी कदम बताकर भविष्य में राहत की उम्मीद जताई है।
आगे क्या?
यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में 19 किलोग्राम के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 41 रुपये की कटौती की गई थी। इससे साफ है कि सरकार घरेलू और व्यावसायिक सिलेंडरों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। आने वाले हफ्तों में यह देखना अहम होगा कि क्या सरकार सब्सिडी बढ़ाकर या कीमतें घटाकर उपभोक्ताओं को राहत देती है।