Mount Abu का नाम बदलकर बनेगा ‘आबू राज तीर्थ’? मंत्री ओटाराम की मांग पर मांस-शराब बैन की तैयारी!

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राजस्थान का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल Mount Abu इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। राज्य सरकार के मंत्री ओटाराम देवासी ने विधानसभा में Mount Abu Rename की मांग उठाई है। उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थान का नाम बदलकर ‘Abu Raj Tirth’ रखने और इसे एक पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करने की अपील की है।

इसके साथ ही, मंत्री ने मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी रखी है। उनका मानना है कि माउंट आबू को धार्मिक महत्व के आधार पर एक तीर्थ स्थल का दर्जा दिया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव के बाद से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राजस्थान सरकार इस ऐतिहासिक बदलाव पर मुहर लगाएगी?

Mount Abu का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

राजस्थान का माउंट आबू न सिर्फ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी गहरा है। इसे “Rajasthan’s Kashmir” के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल हजारों पर्यटक घूमने आते हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक स्थलों से प्रभावित होते हैं।

मंत्री ओटाराम देवासी ने सदन में कहा कि प्राचीन काल में माउंट आबू को ‘Abu Raj Tirth’ के नाम से जाना जाता था। उन्होंने इस स्थल को सनातन धर्म का केंद्र बताते हुए कहा कि यहां 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है।

उन्होंने विधानसभा में कहा:
“यह सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि एक पवित्र तीर्थस्थल है। इसे उसके प्राचीन नाम से ही पहचाना जाना चाहिए — ‘Abu Raj Tirth’।”

Mount Abu में Liquor Ban और Meat Ban की मांग

नाम बदलने की मांग के साथ-साथ मंत्री ओटाराम देवासी ने Mount Abu में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की भी अपील की।

उन्होंने कहा कि माउंट आबू में गुरु शिखर, देलवाड़ा जैन मंदिर, अर्बुदा माता मंदिर, भगवान दत्तात्रेय मंदिर समेत कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल स्थित हैं। ऐसे में, यहां मांस और शराब की बिक्री आस्था का अपमान है।

मंत्री देवासी ने कहा:
“यह एक धार्मिक स्थल है। यहां मांस और शराब की खुलेआम बिक्री से श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत होती हैं। इसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए।”

नाम बदलने के पीछे का तर्क — माउंट आबू से ‘आबू राज तीर्थ’ तक का सफर

माउंट आबू को राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन कहा जाता है, जो सिरोही जिले में स्थित है। यह जगह अपने खूबसूरत नजारों और शांत वातावरण के लिए मशहूर है।

मंत्री देवासी ने कहा कि इस स्थल का धार्मिक महत्व देखते हुए इसे दोबारा ‘Abu Raj Tirth’ का नाम देना जरूरी है। उनका कहना है कि यह नाम प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा हुआ है, जिसे फिर से जीवित किया जाना चाहिए।

इतना ही नहीं, देवासी ने यह भी कहा कि माउंट आबू को सिर्फ एक टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए, जहां आस्था और पवित्रता बनी रहे।

क्या Rajasthan Government ‘Mount Abu Rename’ को मंजूरी देगी?

अब सवाल यह उठता है कि क्या राजस्थान सरकार इस मांग को मानकर Mount Abu का नाम बदलकर ‘Abu Raj Tirth’ रखेगी?

सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो माउंट आबू की पहचान पूरी तरह बदल जाएगी।

यह स्थल न सिर्फ एक पर्यटन स्थल रहेगा, बल्कि धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में भी स्थापित होगा, जहां शराब और मांस पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकती है।

निष्कर्ष: क्या माउंट आबू की नई पहचान बनेगी ‘आबू राज तीर्थ’?

माउंट आबू का नाम बदलने और इसे पवित्र तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग ने पूरे राजस्थान में बहस छेड़ दी है।

एक तरफ लोग इस प्रस्ताव को धार्मिक आस्था से जोड़कर समर्थन कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग इस बदलाव से संभावित नुकसान की ओर भी इशारा कर रहे हैं।

अगर Mount Abu Rename का यह प्रस्ताव पारित होता है, तो राजस्थान का यह खूबसूरत हिल स्टेशन एक धार्मिक केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा, जहां मांस और शराब पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

अब देखना यह है कि सरकार इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाती है।

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