Pithampur Protest: यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने के विरोध में मध्य प्रदेश के पीथमपुर में जबरदस्त हंगामा हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए हैं और बेकाबू जनता को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा है। बता दें कि भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा गुरुवार की सुबह इंदौर के पास स्थित पीथमपुर की एक इंडस्ट्रियल वेस्ट डिपोजिट यूनिट में पहुंचा दिया गया था। लोगों की मांग है कि इस कचरे के निपटान की व्यवस्था पीथमपुर से हटाकर कहीं और की जाए..आइए जानते है क्या है पूरा मामला…अधिक पढ़े.
Pithampur Protest: पीथमपुर में कचरे पर मचा ज़बरदस्त बवाल
भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी यूनियन कार्बाइड फ़ैक्ट्री के कचरे को पीथमपुर में जलाया जाना है। इस का विरोध स्थानीय लोग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। इस से यहां के हालात और बिगड़ गए हैं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज भी किया है।
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गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को नष्ट नहीं किये जाने पर उठ रहे सवालों के बीच अब प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने विश्व की सब से बड़ी गैस त्रासदी की घटना के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यूनियन कार्बाइड का कचरा 1 जनवरी को 12 कंटेनरों में पैक कर के पीथमपुर भेजा गया है, जहां इसे नष्ट किया जाएगा। लेकिन इसे नष्ट किये जाने से पहले ही सियासत गरमा गई है।
Pithampur Protest: MP के कोंग्रेस अध्यक्ष सड़क पर विरोध-प्रदर्शन
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी यूनियन कार्बाइड के कचरा इंदौर के पास पीथमपुर में जलाये जाने के विरोध में आ गए हैं, उन्होंने आशंका जताई है कि यदि ऐसा होता है तो इस का असर आने वाली कई पीढ़ियों पर होगा, उन्होंने कहा ये भाजपा कांग्रेस का मुद्दा नहीं है ये इंदौर शहर के लोगों का मुद्दा है इंदौर के पर्यावरण का मुद्दा है।
जीतू पटवारी ने आज इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर कचरे को जलने से रोकने पर साथ देने की अपील की, मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि कुछ साल पहले थोड़े से कचरे को जहाँ जलाया गया था वहां के आसपास की जमीन बंजर हो गई, भूजल दूषित हो गया जो आज तक ऐसा ही है।
बता दें कि यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के संबंध में चर्चा के लिये एआईसीटीएसएल कार्यालय के सभा कक्ष में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायकगण नीना वर्मा, मधु वर्मा सहित राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जनप्रतिधि, पर्यावरणविद, प्रबुद्ध नागरिक तथा मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
Pithampur Protest: MP में हुई अधिकारियों संग नेताओ की बैठक
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बैठक में अवगत कराया गया कि आम जन मानस के मन में जो भ्रांतियां हैं उन सभी बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधि,विशेषज्ञ तथा प्रबुद्ध नागरिक जो उन के मन में भ्रांतियां थी, उस से संबंधित प्रश्न उठाये गये। सभी प्रश्नों को दृष्टिगत रखते हुये राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथा पर्यावरण विशेषज्ञ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों से संबंधित स्थिति से उपस्थित जनसामान्य को अवगत कराया गया।
बैठक में बताया गया कि, यूनियन कार्बाइड का कचरा भोपाल से पीथमपुर तक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाईडलाइन के अनुरूप पैकिंग, लोडिंग तथा परिवहन कंटेनरों में लीक प्रूफ एवं फायर प्रूफ कंटेनरों में वैज्ञानिक पद्धति से लाया गया।
Pithampur Protest: बैठक में उठाए विभिन्न सवाल, जलाना ज़रूरी?
बैठक में प्रश्न उठाये गये कि इस कचरे को जलाना ही क्यों आवश्यक है, क्या भष्मीकरण के दौरान इस की नियमित मॉनिटरिंग की जायेगी, कचरा का भश्मीकरण शीतकाल में ही क्यों किया जा रहा है, 2013 और 2015 में जब ट्रायलरन किया गया था तब क्या हानिकारक मेटल तथा डायक्सीन व फ्यूरॉन गैसों की मॉनिटरिंग की गयी थी तथा क्या टीएसडीएफ पीथमपुर इस तरह के कचरे को जलाने के लिये उपयुक्त है।
बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों एवं विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि, माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार इस कचरे का निष्पादन पीथमपुर टी.एस.डी.एफ. में किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि केन्द्र की एपेक्स संस्थान जैसे नीरी नागपुर, एनजीआरआई हैदराबाद, आईआईसीटी हैदराबाद तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुशंसाओं के अनुसार इस के भष्मीकरण का निर्णय माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लिया गया। इस भष्मीकरण के दौरान भशमक से निकलने वाली गैसों की लगातार मॉनिटरिंग की जायेगी। इस के परिणाम जनसामान्य को सतत रूप से उपलब्ध कराये जायेंगे। जहां तक इस कचरे के शीतकाल में जलाने का प्रश्न है, उस के संदर्भ में बताया गया कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि शीतकाल में कचरे के जलाने से प्रदूषण का प्रभाव ज्यादा होगा।
Pithampur Protest: साल 2013 और 2015 में भी हुए थे ट्रायल
बैठक के दौरान यह भी अवगत कराया गया कि वर्ष 2013 और 2015 में जो ट्रायल रन किये गये थे, उस में निकलने वाली गैसों में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा विधिवत सभी अनशंषित मेटल्स तथा डायोक्सीन तथा फ्यूरान की मॉनिटरिंग की गयी थी जो निर्धारित मानक सीमा में पायी गयी थी। बैठक में उपस्थित जनसामान्य को यह भी अवगत कराया गया कि पीथमपुर में स्थापित टीएसडीएफ इस प्रकार के अपशिष्टों अपवहन हेतु एक सक्षम संस्था है, जिस कारण यूनियन कार्बाइड के कचरे का अपवहन का निर्णय समस्त तकनीकी पहलूओं को जांच कर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिया गया है तथा यह अपवहन केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुरूप किया जायेगा।
बैठक के अंत में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के मंशा के अनुसार इस कचरे का निष्पादन वैज्ञानिक पद्धति एवं माननीय न्यायालय के निर्देशों के तहत आमजन की शंकाओं और भ्रांतियों को दूर करते हुये किया जायेगा और सभी क्षेत्रीय जनमानस के हितों का ध्यान रखा जायेगा।