Rajasthan 6-lane Highway : 1600 करोड़ की लागत से राजस्थान में बनेगा 6-लेन हाईवे, अब मुंबई-चंडीगढ़ का सफर होगा और भी तेज़!

Rajasthan 6-lane Highway
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Rajasthan 6-lane Highway : राजस्थान के कोटपूतली के पनियाला मोड़ से अलवर के बड़ौदा मेव तक 86 किलोमीटर लंबा 6-लेन हाईवे बनाया जा रहा है। इसे चंडीगढ़ हाईवे और दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को सीधा और सुगम मार्ग उपलब्ध होगा। इस परियोजना के तहत 10,000 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन बदले में तीन गुना अधिक पौधे लगाए जाएंगे। इस हाईवे पर 23 एनिमल अंडरपास बनाए जाएंगे, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही सुरक्षित रहे। यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा होने की संभावना है।

मार्च 2024 में शुरू हुआ निर्माण कार्य

इस हाईवे का निर्माण कार्य मार्च 2024 में शुरू हुआ था। ज्वाइंट स्टॉक कंपनी इसे विकसित कर रही है और 2026 तक इसे पूरा करने की योजना है। प्रोजेक्ट मैनेजर प्रतीक कश्यप के अनुसार, यह हाईवे दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले मार्ग को चंडीगढ़ तक विस्तार देगा, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

Rajasthan 6-lane Highway परियोजना का बजट और प्रमुख सुविधाएं

1600 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस हाईवे में 46 वाहन अंडरपास और 23 पशु अंडरपास होंगे। साथ ही, दो स्थानों—घाटला और पेहल गांव—पर पेट्रोल पंप और होटल की सुविधा होगी। दिल्ली-रेवाड़ी रेलवे लाइन पर उल्हेड़ी और चंदूकी स्टेशनों के पास रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण भी किया जाएगा। अब तक हाईवे का लगभग 15% कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना के लिए 100 लाख टन मिट्टी और 35 लाख टन पत्थर-बजरी की आवश्यकता होगी।

वन्यजीवों के लिए विशेष व्यवस्था

हाईवे सरिस्का टाइगर रिजर्व के बाहर अलवर वन क्षेत्र से होकर गुजरेगा। इसलिए, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए 10 मीटर चौड़े और 3 मीटर ऊंचे 23 पशु अंडरपास बनाए जाएंगे। यह अंडरपास तेंदुए, बाघ, नीलगाय और अन्य वन्यजीवों के आवागमन के लिए बनाए जा रहे हैं। वन विभाग के अनुसार, सरिस्का के बाहर अलवर वन क्षेत्र में 50 से अधिक तेंदुए और अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। इन अंडरपास से ग्रामीण क्षेत्रों में पाले गए पशुओं और आवारा पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

हाईवे पर इंटरचेंज और संपर्क मार्ग

इस हाईवे पर कुल 7 प्रमुख इंटरचेंज होंगे, जिनमें पनियाला मोड़, लाडपुर, खैरथल-मटूर, गजूकी, जुगरावर, अलवर-रामगढ़ रोड और शीतल के पास स्थित इंटरचेंज शामिल हैं। इनमें सबसे बड़ा गजूकी के पास 20 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। हाईवे पर 250 से अधिक पुलों और छोटे पुलियों का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया जाएगा।

वृक्षारोपण और पर्यावरण संतुलन

हाईवे निर्माण के लिए 10,000 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे, लेकिन नियमानुसार तीन गुना अधिक यानी लगभग 1 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण इस तरह किया जाएगा कि वे 100% जीवित रह सकें और पर्यावरण संतुलन बना रहे।

यह हाईवे राजस्थान के लोगों को न केवल बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से मुंबई, दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच यात्रा अधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी।

 

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