राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Rajasthan ACB) अब बांसवाड़ा जिले में करोड़ों रुपये के सरकारी जमीन घोटाले की जांच करेगी। इस मामले में पटवारी, गिरदावर और रिटायर्ड तहसीलदार समेत 50 लोगों पर कार्रवाई की संभावना है।
Rajasthan ACB को सौंपी गई जांच, 91 बीघा जमीन का घोटाला
गढ़ी तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल हाईवे 927-ए के किनारे स्थित 91 बीघा सरकारी जमीन को अवैध रूप से 36 लोगों के नाम कर दिया गया था। इसमें 12 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल थे। अब Rajasthan ACB इस मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
किन-किन लोगों पर दर्ज हुआ मामला?
एसीबी द्वारा दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, इस घोटाले में तत्कालीन तहसीलदार केशर सिंह चौहान, दिनेश चंद्र पाटीदार, प्रदीप सुथार, गौतमलाल पाटीदार, दीपक जैन, अविनाश राठौड़, पटवारी निखिल गरासिया, नीलेश परमार, अभिलाषा जैन और कई अन्य लोग शामिल हैं।
इसके अलावा, रिटायर्ड तहसीलदार केशर सिंह चौहान, नायब तहसीलदार अनिल ताबियार, पटवारी विनोद मईड़ा (वजवाना) और पटवारी नागेंद्र सिंह (सुंदनी) भी इस घोटाले में आरोपी हैं। प्रशासन पहले ही 5 पटवारियों और 5 गिरदावरों को निलंबित कर चुका है।
प्रशासनिक जांच में हुआ बड़ा खुलासा
इस जमीन घोटाले का पर्दाफाश जनवरी 2025 में हुई प्रशासनिक जांच के दौरान हुआ था। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि गढ़ी तहसील की कई ग्राम पंचायतों में पटवारी, गिरदावर और तहसीलदारों ने मिलीभगत कर सरकारी जमीन को निजी खातों में ट्रांसफर कर दिया।
जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संदिग्धों को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी और अब इसे Rajasthan ACB के हवाले कर दिया गया है।
अब क्या करेगी Rajasthan ACB?
अब Rajasthan ACB इस करोड़ों रुपये के सरकारी जमीन घोटाले की गहराई से जांच करेगी। दोषियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संभावित प्रभाव:
- राजस्थान ACB की इस कार्रवाई से सरकारी जमीन पर होने वाले घोटालों पर लगाम लगेगी।
- भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
- सरकारी संपत्तियों की पारदर्शिता बढ़ेगी और जनता को जागरूक किया जाएगा।
इस मामले से Rajasthan में प्रशासन और भूमि रिकॉर्ड सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। अब सबकी नजरें Rajasthan ACB की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।