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राजस्थान विधानसभा में निर्दलीय विधायक यूनुस खान (Yoonus Khan) ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्किल पर मूर्ति स्तंभ तोड़े जाने का मुद्दा उठाया और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम (Jawahar Singh Bedam) ने जानकारी दी कि पुलिस ने इस मामले में रामचरण नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं पाई गई और उसका इलाज कराया जा रहा है।
स्पीकर का मिला समर्थन
यूनुस खान ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि इससे पहले भी चार बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व नहीं चाहते कि यह मूर्ति यहां स्थापित रहे और सवाल किया कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी या नहीं? इस पर गृह राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने आदेश दिया कि चाहे वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय हों, डॉ. भीमराव अंबेडकर हों या अन्य महापुरुष, सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि उचित कार्रवाई तुरंत की जाए।
500 मकानों के विध्वंस पर बवाल
करतारपुरा नाले की चौड़ाई को लेकर पूर्व मंत्री और विधायक कालीचरण सराफ ने जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के लाल निशान लगाने के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 500 मकानों को किसी भी सूरत में नहीं तोड़ने दिया जाएगा। सराफ ने सरकार से सवाल किया कि द्रव्यवती नदी के पक्के नाले की चौड़ाई 25 मीटर रखी गई, तो करतारपुरा नाले की चौड़ाई 30 मीटर क्यों तय की जा रही है?
उन्होंने सरकार से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने और रिपोर्ट दोबारा तैयार कर नाले की चौड़ाई 25 मीटर करने की मांग की।
सरकार का जवाब
इस पर शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि करतारपुरा नाले को लेकर पहले ही हाईकोर्ट में रिपोर्ट दी जा चुकी है, जिसमें इसकी चौड़ाई 30 मीटर तय की गई थी। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि हाईकोर्ट से अनुमति मिली, तो इसकी चौड़ाई 25 मीटर करने का प्रयास किया जाएगा।
झाबर सिंह खर्रा ने यह भी कहा कि सरकार नाले के आसपास बने मकानों का भी ध्यान रखेगी, ताकि कम से कम लोगों को परेशानी हो।
निष्कर्ष
Rajasthan Assembly में इस सत्र के दौरान दो अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। पहला, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सर्किल पर मूर्ति तोड़ने की घटना, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष और गृह राज्य मंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। दूसरा, करतारपुरा नाले की चौड़ाई और 500 मकानों का विध्वंस, जिसे लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने दिखे।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि न्यायिक अनुमति मिलने पर नाले की चौड़ाई में संशोधन किया जाएगा और प्रभावित लोगों को राहत देने की पूरी कोशिश होगी।