Rajasthan News Today: बिजली उपभोक्ताओं को क्यों लग रहे झटके , किसी सको 500 तो किसी को 75 रुपए।

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Rajasthan Big News Today – 

बिजली की सप्लाई में बड़ा व्यवधान : केन्द्र की SOP नहीं अपनाने से हो रहा बड़ा खामियाजा, तिमाही रिपोर्ट में भी दो मामलों में ही दिया हर्जाना, एक को बिजली 5 हजार तो वही दूसरे को बिजली 18.50 रुपए।

उपभोक्ता को नहीं मिल रहा हर्जाना, के Rajasthan Jaipur क्षेत्र में टूटी केबल को सुधारना और विद्युत सप्लाई में हो रही व्यवधान, खराब मीटर बदलने इन सभी कारणों के बावजूद भी उपभोक्ता को आराम नहीं दिया गया Rajasthan , उपभोक्ताओं को केंद्र सरकर ने छाती पूर्ति के लिए 500 देने का प्रावधान रखा था, लेकिन राज्य विद्युत विनियामक आयोग के द्वारा आईएस प्रवधन में काइंची चला दी गई और राशि को 75 से 150 कर दिया गया और तो और अभी डिस्कॉमस जैसी प्रभावित है शिकायतों को भी दोष सेवा में शामिल नहीं हो पा रहा है

डिस्कॉमस ने आयोग को एक शिकायत रिपोर्ट भेजी थी जिसके तहत केवल दो उपभोक्ताओं को ही हर जना दिया गया है जिसमें एक है उपभोक्ता जो फल होती है उसको 18.50 और दुसरा भोग तो जो कोटा का है उसको ₹5000 हर्जाने के रूप में दिये गए

रिपोर्ट की मने तो Rajasthan में करीब 1.50 करोड़ ऐसे उपभोक्ता हैं जो बिजली का उस कर रहे हैं और उनको हर्जाना मिलना चाहिए था लेकिन डिस्कॉमस ने आयोग को जो रिपोर्ट भेजी है उससे तो यही पता चलता है की यह रिपोर्ट है सरकर की जवाब देही की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है

तीनो डिसकाउंट जयपुर जोधपुर और अजमेर में यही स्थिति बनी हुई है डिस्कॉमस तो अभी केवल उन्हीं मामालों में ही सकरी दिखाई डे रही है जिनमें किसी की विद्युत दुर्घटना के करण मौत हो गई है किसी कारणवश उनको कक्षति हुई है क्योंकी ऐसी हालातों को छिपाया भी नहीं जा सकता है इसलिए डिस्कॉम इन घटनाओं के लिए सक्रिय है बाकी घटनाओं के लिए नहीं

सवाल कटौती पर जनप्रतिनिधि मौन क्यों है

हाल ही में Rajasthan विद्युत मंत्रालय की SOP में प्रत्येक व्यक्ति को हर्जाने के रूप में ₹500 देने का प्रवधान रखा गया था लेकिन अभी राज्य सरकर जनता के हकों पर कैंची चलाने में जुट गई है अब सवाल जनप्रतिनिधि पर भी उठ रहा है की वह जनता के हित में ना होने वाले फैसले पर चुप क्यों हैं।

इस तरह के केंद्रों की एसओपी दरकिनार:

नो करंट शिकायत : सामान्यतः छोटे शहरों में छह घंटे, बडे शहर में दो घंटे, और ग्रामीण इलाकों में आठ घंटे में शिकायतो का निवारण।

ओवर हेड लाइन टूटना :छोटे शहरों में 6 घंटे, बडे शहर में 4 घंटे, और ग्रामीण इलाकों में 10 घंटे में समाधान करना।

अंडरलाइन केबल टूटना : बडे शहर में 12 घंटे, ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे, छोटे शहरों में 12 घंटे में निवारण।

डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर का फेल होना : बडे शहर में 8 घंटे, ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे में, छोटे शहरों में 8 घंटे शिकायतो का निवारण।

हर्जाना – इन चारों प्रकार के मामलों में ही सेवादोष होने पर एचटी उपभोक्ताओं को 150, एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए हर्जाने देने का प्रावधान रखा गया है ।

शिड्यूल शटडाउन : 7 घंटे से अधिक, या 24 घंटे का नहीं दिया गया नोटिस और नहीं चलाया शटडाउन तो सेवादोष

हर्जाना – फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं के लिए 75 रुपए हर्जाना में।

(यह हर्जाना राशि डिस्कॉम्स के लिए है,जबकि केन्द्र सरकार की SOP में पांच सौ रुपए प्रतिदिन तय किए गए थे। इसके अलावा भी अन्य कई सेवाएं शामिल हैं)

जागरुक होइए नहीं तो हक मार देंगे जिम्मेदार:

Rajasthan News : अक्सर देखा गया है की हर्जाना मांगने वालों को ज्यादातर टरकाया ही जा रहा है। क्योंकि इससे डिस्कॉम्स को भी दो तरीके के नुकसान होते है। एक तो आर्थिक भार ज्यादा बढ़ेगा और दूसरा उस पर सेवा दोष का टैग भी लग जाएगा। जिससे संबंधित अधिकारियों की परफोर्मेंस पर भी बहुत ज्यादा सवाल खड़े हों जायेंगे ।

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