Rajasthan Farmer Loss News : राजस्थान की राजधानी जयपुर में इन दिनों किसानों का हाल बेहद खराब है। थोक बाजार में सब्जियों के दामों में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते किसानों के लिए अपनी मेहनत का उचित मूल्य पाना मुश्किल हो गया है। मुहाना मंडी में टमाटर, गोभी और मटर जैसी सब्जियों के दामों में 80 से 100 रुपये प्रति किलो से घटकर 3 से 6 रुपये प्रति किलो तक गिरावट आ गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। खासकर टमाटर की कीमत में आई गिरावट ने किसानों के लिए समस्याएं और बढ़ा दी हैं।
राजस्थान के किसानों के लिए संकट की घड़ी
Rajasthan में कई किसान अपनी फसल को बर्बाद होते हुए देख रहे हैं। उन्होंने खेतों में महंगी सब्जियां लगाई थीं, जो पहले बाजार में अच्छे दामों पर बिक रही थीं। लेकिन अब इनकी कीमतें इतनी घट गई हैं कि उन्हें सब्जियां फेंकने तक की नौबत आ गई है। जयपुर की मुहाना मंडी में देसी टमाटर की थोक कीमत केवल 3 से 6 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है, जबकि बाजार में इसकी कीमत 10 से 15 रुपये किलो तक है। नवंबर माह में इन टमाटरों की कीमत थोक बाजार में 65 रुपये किलो थी, जो अब केवल 3 से 6 रुपये के बीच पहुंच गई है।
कीमतों में गिरावट की वजह
इस गिरावट का प्रमुख कारण अधिक आपूर्ति है। जयपुर फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ मुहाना के अध्यक्ष, योगेश तंवर के अनुसार, 14 दिसंबर से मलमास शुरू होने के बाद मंडी में सब्जियों की आपूर्ति में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। मांग की तुलना में आपूर्ति अधिक होने के कारण कीमतें गिर गई हैं। तंवर ने यह भी कहा था कि मलमास के बाद सावे शुरू होने पर कीमतों में तेजी आ सकती थी, लेकिन इसके विपरीत, सब्जियों की मांग कम और आपूर्ति अधिक हो गई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है।
किसान क्यों फेंक रहे हैं अपनी फसलें?
किसानों के लिए स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उन्हें अपनी सब्जियों को खेतों में ही फेंकने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। दामों में इतनी कमी आ चुकी है कि इनकी लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है। यही नहीं, कभी 80 से 100 रुपये प्रति किलो बिकने वाली इन सब्जियों को अब जानवरों को खिलाना पड़ रहा है। इससे किसानों को अपनी मेहनत का पूरी तरह से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
संकट की इस घड़ी में सरकार से मदद की उम्मीद
जयपुर और अन्य हिस्सों में किसानों को जो नुकसान हो रहा है, उसे देखते हुए सरकार से तुरंत मदद की आवश्यकता है। यदि इसी तरह से दाम गिरते रहे, तो कई छोटे किसान बर्बाद हो सकते हैं। Rajasthan सरकार को चाहिए कि वह किसानों के लिए बेहतर योजनाएं बनाए, ताकि वे अपनी फसल का सही मूल्य पा सकें। साथ ही, सब्जियों के सही दामों के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं, ताकि किसानों का जीवन स्तर बेहतर हो सके और उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।
किसान क्या कर सकते हैं?
किसान इस स्थिति से उबरने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। सबसे पहले, उन्हें अपने उत्पादों की आपूर्ति और मांग के बारे में बाजार की स्थिति का गहन अध्ययन करना चाहिए। इस तरह वे उचित समय पर अपनी फसलें बेच सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। इसके अलावा, किसान सब्जियों के भंडारण की नई तकनीकों को अपनाकर अधिक समय तक अपनी फसल को बाजार में ले जा सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिल सके।
सब्जियों के दामों में गिरावट का भविष्य
अभी के लिए यह कहना मुश्किल है कि आने वाले समय में सब्जियों के दामों में सुधार होगा या नहीं। हालांकि, Jaipur में इन दिनों मलमास के बाद सब्जियों की आपूर्ति बढ़ने से कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन जैसे-जैसे सावे का समय आएगा, कुछ सुधार हो सकता है। किसान और बाजार विशेषज्ञ इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले समय में कीमतों में थोड़ा बहुत सुधार हो सकता है, जिससे किसान राहत की सांस ले सकेंगे।
निष्कर्ष :
जयपुर और Rajasthan के किसानों के लिए वर्तमान में सब्जियों के गिरते दाम एक बड़ा संकट बन चुके हैं। उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, और कई किसानों को अपनी फसलें फेंकनी पड़ रही हैं। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और किसानों को राहत देने के लिए उचित कदम उठाए। वहीं, किसानों को भी बाजार की स्थिति को समझते हुए अपनी फसल का प्रबंधन सही तरीके से करना चाहिए, ताकि वे आने वाली मुश्किलों से उबर सकें।