Rajasthan: यह बात तब की है जब छात्रों की बड़ी संख्या को देखते हुए 27 जिलों में परीक्षा आयोजित करने वाले राजस्थान के कर्मचारी चयन बोर्ड 33 जिलों में परीक्षा करवाई थी जिसमें 17 लाख 63,897 बेरोजगारों ने फॉर्म भरा था परंतु जिसमें 10 लाख 52,566 परीक्षार्थी परीक्षा देने ही आए बाकी 7 लाख 11,331 ने अनुपस्थिति दर्ज की और वैंकेंसी 5934 पदो के लिए थी..आइए जानते है क्या है पूरा मामला…अधिक पढ़े.
Rajasthan में 7 लाख 11331 आवेदकों ने नहीं दी परीक्षा
राजस्थान प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए होने वाली भर्तियों में अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है इससे परीक्षा लेने वाली संस्था एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा हो या फिर राजस्थान लोक सेवा आयोग की सभी की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ रही है
राजस्थान के कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से 1 से 3 दिसंबर तक पशु परिचय एनिमल अटेंडेंट भर्ती का आयोजन किया गया था जिसमें 7 लाख से अधिक आवेदकों ने अपनी अनुपस्थिति दर्ज की है तीन दिनों तक 2 पारियों में चलने वाली है परीक्षा में 7 लाख 11331 अभ्यर्थी पूरी तरह से अनुपस्थित रहे जो लगभग पूरी परीक्षा का 40% फ़ीसदी था।
Rajasthan भर्ती 5934 और आवेदन 17 लाख
पशु परिचय की छह पारियों में हुई परीक्षा में अधिकतम उपस्थित पहले के दिन ही दर्ज हुई जिसमें 64 फ़ीसदी आवेदक उपस्थित रहे और परीक्षा के अंतिम दिन तक पहुंचते हुए उपस्थिति की मात्रा घटकर 50 फ़ीसदी पर रुक गई, राजस्थान के परीक्षा में कुल उपस्थिति 67 फ़ीसदी रही है यह आपको तब का बता रहे हैं जब छात्रों की बड़ी संख्या को देखते हुए 27 जिलों में भर्ती परीक्षा आयोजित करवाने वाले राजस्थान से कर्मचारी चयन बोर्ड 33 जिलों में परीक्षाएं आयोजित करवा रहा था कुल 1763897 आवेदको ने फॉर्म भरा था जिसमें 1052566 आवेदक ही परीक्षा देने पहुंचे और बाकी के 7 लाख 11,331 परीक्षा के दिन अनुपस्थित रहे आपको बता दें कि यह वैकेंसी 5934 भर्ती के लिए निकली थी।
किस कारण हो रही है इतनी अनुपस्थिति जाने वजह
राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में होने वाली सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षाओं के संबंध में वन स्टेट वन रजिस्ट्रेशन के संबंध में वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराकर जीवन भर तक भर्ती के फॉर्म भरने के नियम बना दिए थे इसी वजह से जो परीक्षा के प्रति गंभीर नहीं होते और वह लोग भी फॉर्म भर देते हैं जब परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाएं परीक्षाओं की संख्या देखकर उनके हिसाब से परीक्षा के इंतजाम करते हैं लेकिन परीक्षाओं के समय जब यह संख्या नहीं देखने को मिलती तो सरकार का बहुत बड़ा नुकसान होता है।
Rajasthan सरकार को हो रहा है नुक़सान
राजस्थान का कर्मचारी विभाग भी परीक्षाओं के लिए इंतजाम करता है इन भर्ती परीक्षाओं में उसका भी नुकसान होता है जब फॉर्म भरने के बाद भी परीक्षा में उपस्थित नहीं रहने की वजह से राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग ने दोनों ने ही परीक्षा करने वाली संस्थाओं ने राजस्थान सरकार से वन टाइम रजिस्ट्रेशन के नियम को खत्म करने के लिए पत्र भी लिखा है।