Rajasthan Kota Coaching Guideline: राजस्थान के कोटा में मेडिकल (NEET) और इंजीनियरिंग (JEE) की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। अब कोटा में हॉस्टल संचालक स्टूडेंट्स से सिक्योरिटी डिपॉज़िट और कॉशन मनी नहीं लेंगे। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी की पहल पर हॉस्टल एसोसिएशन ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे कोचिंग स्टूडेंट्स पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ कम होगा।
इसके अलावा, जिला प्रशासन ने कोचिंग और हॉस्टल्स के लिए नई गाइडलाइन भी जारी की है, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
कोटा में स्टूडेंट्स को मिलेगा सुरक्षित और अनुकूल माहौल
कोटा में हर साल लाखों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें रहने और अन्य सुविधाओं के लिए भारी खर्च उठाना पड़ता है। नए नियमों के तहत अब हॉस्टल संचालकों को निम्नलिखित मापदंडों का पालन करना होगा:
- कोई सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं – पहले स्टूडेंट्स से एडमिशन के समय सिक्योरिटी डिपॉज़िट लिया जाता था, जो सेशन पूरा होने के बाद भी कई बार वापस नहीं किया जाता था। अब इस नियम को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
- मेंटेनेंस चार्ज होगा फिक्स – हॉस्टल में सालाना मेंटेनेंस चार्ज 2,000 रुपये होगा, जिसे वापस नहीं किया जाएगा।
- अच्छी सुरक्षा व्यवस्था – हर हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य होगा, ताकि स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- एंटी-हैंगिंग डिवाइस अनिवार्य – मानसिक तनाव से बचाने के लिए हॉस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस लगाना जरूरी होगा।
- नाइट अटेंडेंस मैनुअल होगी – हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की नाइट अटेंडेंस मैनुअल तरीके से ली जाएगी, यानी स्टाफ खुद जाकर चेक करेगा।
- सुरक्षा गार्ड की यूनिफॉर्म अनिवार्य – प्रत्येक हॉस्टल में सिक्योरिटी गार्ड को निर्धारित यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य होगा।
- महिला हॉस्टल में विशेष नियम – गर्ल्स हॉस्टल में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा और वहां केवल महिला वार्डन ही नियुक्त की जाएगी।
स्टूडेंट्स और पेरेंट्स के लिए हेल्प डेस्क बनेगी
कोटा में स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता की सहायता के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर हेल्प डेस्क लगाई जाएगी। यहां स्टूडेंट्स को सही हॉस्टल और पीजी चुनने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
हॉस्टल संचालकों के लिए सख्त नियम
- हॉस्टल और पीजी को सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करना होगा।
- स्टूडेंट्स को रूम खाली करने से कम से कम 1 महीने पहले सूचना देनी होगी।
- हर हॉस्टल में मेडिकल इमरजेंसी के लिए विशेष सुविधा देनी होगी।
- स्टूडेंट्स को मनोरंजन और मानसिक राहत के लिए हॉस्टल में रिक्रिएशनल एरिया (मनोरंजन स्थल) विकसित करना अनिवार्य होगा।
- पेमेंट से जुड़ी हर लेन-देन की रसीद पेरेंट्स को दी जाएगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
- हॉस्टल्स को फायर एनओसी लेना अनिवार्य होगा, जिससे आग लगने जैसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
कोटा में 4,000 से ज्यादा हॉस्टल, 1.50 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स की क्षमता
कोटा में करीब 4,000 से ज्यादा हॉस्टल और पीजी मौजूद हैं, जहां 1.50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था है। पहले स्टूडेंट्स को सिक्योरिटी डिपॉज़िट वापस न मिलने और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब इन नए नियमों से कोटा में कोचिंग करने वाले लाखों छात्रों को राहत मिलेगी।
स्टूडेंट्स को कोटा के फेमस स्पॉट्स पर जाने की अनुमति
अब वन टाइम पास के आधार पर स्टूडेंट्स को कोटा के रिवर फ्रंट और ऑक्सीजोन जैसी जगहों पर विजिट करने की सुविधा मिलेगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी राहत पा सकें।
नए नियमों से कोटा में पढ़ाई होगी आसान और सुरक्षित
कोटा में कोचिंग करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत है। अब वे बिना किसी अतिरिक्त खर्च और परेशानी के अपनी कोचिंग पूरी कर सकते हैं। प्रशासन का यह कदम छात्रों की सुरक्षा और उनकी आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे कोटा में कोचिंग का माहौल और भी बेहतर हो सकेगा।
अगर आप भी कोटा में मेडिकल या इंजीनियरिंग की तैयारी करने जा रहे हैं, तो इन नए नियमों का ध्यान रखें और एक सुरक्षित एवं बेहतर हॉस्टल का चुनाव करें।