जयपुर। राजस्थान सरकार ने नर्सिंग और मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब राजस्थान में बीएससी नर्सिंग, बीपीटी, बीआरटी और मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी जैसे ग्रेजुएशन कोर्सेज में प्रवेश के लिए NEET UG अनिवार्य नहीं होगा। राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS), जयपुर और मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी (MMU), जोधपुर ने अपने पूर्व आदेश को वापस लेते हुए घोषणा की है कि अब इन कोर्सेज में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी।
राजस्थान में NEET UG की अनिवार्यता समाप्त, छात्रों को बड़ी राहत
इससे पहले इन कोर्सेज में प्रवेश के लिए NEET UG परीक्षा के अंकों के आधार पर दाखिले की प्रक्रिया लागू की गई थी। लेकिन आवेदन के लिए कम समय मिलने और अन्य तकनीकी परेशानियों के कारण हजारों छात्र प्रवेश से वंचित रह गए। छात्रों और अभिभावकों की बढ़ती चिंताओं को देखते हुए सरकार और विश्वविद्यालयों ने यह फैसला लिया कि फिलहाल NEET UG आधारित प्रवेश प्रक्रिया स्थगित कर दी जाएगी।
अब राजस्थान में नर्सिंग और मेडिकल कोर्सेज में कैसे होगा एडमिशन
नए नियमों के अनुसार, राजस्थान में बैचलर ऑफ नर्सिंग (B.Sc. Nursing), बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी (BPT), बैचलर ऑफ रेडिएशन टेक्नोलॉजी (BRT) और बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (BMLT) में प्रवेश के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा।
NEET UG को लेकर यह फैसला क्यों लिया गया
- छात्रों को आवेदन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया, जिससे हजारों उम्मीदवार फॉर्म नहीं भर सके।
- NEET UG और यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा के सिलेबस में काफी अंतर था, जिससे छात्रों को कठिनाई हो रही थी।
- दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया जटिल हो रही थी।
- NEET UG परीक्षा की तैयारी के लिए समय की कमी के कारण कई छात्र योग्य होने के बावजूद प्रवेश नहीं ले पाए।
- छात्र संगठनों और अभिभावकों ने इस नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद सरकार को निर्णय बदलना पड़ा।
राजस्थान में NEET UG की बाध्यता खत्म होने से छात्रों को क्या लाभ होगा
बिना NEET UG परीक्षा के प्रवेश लेने का अवसर: अब छात्र केवल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेडिकल और नर्सिंग कोर्सेज में दाखिला ले सकते हैं।
सिलेबस में समानता: विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षा के सिलेबस को संबंधित कोर्स के अनुसार तैयार करेगा, जिससे छात्रों को तैयारी में आसानी होगी।
समय की सुविधा: अब छात्रों को जल्दबाजी में आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी, वे आराम से अपनी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
दूरदराज के छात्रों के लिए सहूलियत: कई छात्र, जो ऑनलाइन आवेदन या NEET UG की कठिन प्रक्रिया के कारण पीछे रह जाते थे, वे अब आसानी से प्रवेश ले सकेंगे।
क्या NEET UG पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है
राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) ने स्पष्ट किया है कि राजस्थान में मेडिकल और नर्सिंग कोर्सेज में NEET UG आधारित प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त नहीं किया गया है। बल्कि इसे अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है और इसे सत्र 2026-27 से फिर से लागू किया जाएगा।
राजस्थान में मेडिकल और नर्सिंग कोर्सेज में प्रवेश के नए नियमों से कौन से छात्र प्रभावित होंगे
इस बदलाव का सीधा प्रभाव उन छात्रों पर पड़ेगा जो पहले NEET UG में कम अंक आने या परीक्षा देने से चूक जाने के कारण नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज में दाखिला नहीं ले पाते थे। अब ऐसे छात्र विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा देकर सीधे इन कोर्सेज में प्रवेश ले सकते हैं।
राजस्थान में NEET UG को लेकर उठे विरोध के मुख्य कारण
- आवेदन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला, जिससे हजारों छात्र आवेदन से वंचित रह गए।
- NEET UG परीक्षा और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा के सिलेबस में बड़ा अंतर था, जिससे छात्रों को दोहरी तैयारी करनी पड़ रही थी।
- NEET UG की अनिवार्यता के कारण कई छात्र, जो अच्छे अंक लाने में असमर्थ थे, प्रवेश से वंचित हो जाते थे।
- दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया जटिल थी और उन्हें तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
- छात्र संगठनों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा था, जिससे सरकार को नीति बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
राजस्थान में NEET UG पर यह नया नियम कब से लागू होगा
राजस्थान सरकार और संबंधित विश्वविद्यालयों ने स्पष्ट किया है कि सत्र 2025-26 में प्रवेश प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित की जाएगी। सत्र 2026-27 से NEET UG के माध्यम से प्रवेश फिर से शुरू किया जा सकता है।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से मेडिकल और नर्सिंग क्षेत्र के हजारों छात्रों को राहत मिलेगी। अब NEET UG की बाध्यता खत्म कर दी गई है और विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से नर्सिंग और मेडिकल ग्रेजुएशन कोर्सेज में प्रवेश दिया जाएगा। यह निर्णय उन छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो पहले NEET UG परीक्षा की अनिवार्यता के कारण इन कोर्सेज में दाखिला नहीं ले पा रहे थे। हालांकि, यह प्रक्रिया अस्थायी रूप से लागू की गई है और 2026-27 से NEET UG आधारित प्रवेश प्रक्रिया दोबारा शुरू हो सकती है।