Rajasthan New Excise Policy: राजस्थान में नई आबकारी नीति के विरोध में आज सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी शराब की दुकानें बंद रहीं। झालावाड़ में 160 शराब की दुकानों ने भी दो घंटे के लिए शटर डाउन कर दिया।
ठेकेदारों का आरोप है कि राज्य सरकार की नई आबकारी नीति से उन्हें भारी नुकसान होगा। इस नीति के तहत क्लस्टर सिस्टम को समाप्त करने, पुराने समयानुसार संचालन करने और पुरानी गारंटी पर नवीनीकरण जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन होगा।
6 सूत्रीय मांगों को लेकर भरतपुर में भी हुआ प्रदर्शन
भरतपुर में शराब ठेकेदारों ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान आबकारी विभाग के खिलाफ नारेबाजी की गई। शराब दुकानों को दो घंटे के लिए बंद कर ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री और कमिश्नर के नाम जिला आबकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
जिला आबकारी अधिकारी ने कहा, “दुकानों को बंद करने का मामला मेरी जानकारी में नहीं था। अगर ऐसा है तो इन लोगों से बातचीत की जाएगी। नई शराब नीति उनके लिए काफी फायदेमंद है।”

राजस्थान शराब ठेकेदार यूनियन का विरोध
राजस्थान शराब ठेकेदार यूनियन के संभाग अध्यक्ष संजू सिंह पथैना ने बताया कि वे लंबे समय से सरकार के सामने अपनी मांगें रख रहे हैं।
प्रमुख मांगें:
- ठेकेदारों की क्लस्टर व्यवस्था को तुरंत समाप्त किया जाए।
- दुकानों का संचालन समय रात्रि 11 बजे तक किया जाए।
- शराब की दुकानों पर पुलिस का हस्तक्षेप बंद हो।
अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, और इसीलिए ठेकेदारों ने दो घंटे की हड़ताल का रास्ता चुना।
अधिकारी बोले- बैठक कर समझाएंगे नई आबकारी नीति
यूनियन के बैनर तले भरतपुर में जिला आबकारी अधिकारी को मुख्यमंत्री और कमिश्नर के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिला आबकारी अधिकारी हरीश रौलन ने बताया कि बड़ी संख्या में शराब व्यापारी कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया।
अधिकारी ने कहा, “इन लोगों के साथ बैठक कर नई शराब नीति के बारे में विस्तार से बताया जाएगा और कोशिश होगी कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाए।”
क्या लगता है आपको?
राजस्थान की नई आबकारी नीति को लेकर ठेकेदारों का विरोध जायज़ है या सरकार का कदम सही है? आपकी क्या राय है? हमें कमेंट्स में बताएं!