जल्द ही मलबे से टाइल्स बनाने वाला C&D (Construction and Demolition Waste) प्लांट जल्द शुरू होने वाला है। नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और संबंधित फर्म को काम शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। उम्मीद है कि मार्च से काम शुरू होकर दो से तीन महीनों में पूरा हो जाएगा। आइए जानते हैं इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी।
C&D प्लांट के लिए टेंडर फाइनल
जिला नगर निगम ने C&D प्लांट संचालन के लिए टेंडर फाइनल कर दिया है। नगर निगम ने फर्म का चयन कर लिया है और काम जल्द शुरू होने की उम्मीद जताई है। शहर के कचरा निस्तारण और मलबे के सही प्रबंधन के लिए इस प्लांट को बेहद अहम माना जा रहा है।
नगर निगम के आयुक्त जीतेंद्र सिंह नरूका के मुताबिक, मार्च से काम शुरू हो जाएगा और लक्ष्य है कि दो से तीन महीनों में प्लांट पूरी तरह से सक्रिय हो जाए।
अलवर के अग्यारा में मिला 18 हजार वर्ग मीटर स्थान
C&D प्लांट के लिए अलवर के अग्यारा क्षेत्र में 18,000 वर्ग मीटर की जगह यूआईटी (Urban Improvement Trust) द्वारा उपलब्ध कराई गई है। इस स्थान पर प्लांट लगाया जाएगा, जहां मलबे को रिसाइकल कर टाइल्स बनाई जाएंगी।
अलवर के NCR (National Capital Region) में शामिल होने के चलते यहां कचरा निस्तारण प्लांट और C&D प्लांट की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी। अब इस प्लांट से न केवल शहर को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलेगी, बल्कि मलबे से बनी टाइल्स का उपयोग भी किया जा सकेगा।
8 करोड़ तक आ सकता है खर्च
इस प्लांट की स्थापना और संचालन में अनुमानित 5 से 8 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें अत्याधुनिक मशीनें और अन्य जरूरी संसाधनों की खरीद भी शामिल है।
नगर निगम ठोस कचरा एकत्रीकरण के लिए एक स्थायी स्थान की भी तलाश कर रहा है, जहां मलबा एकत्रित कर नियमित रूप से प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। इस प्रक्रिया से मलबे का सही प्रबंधन हो सकेगा और शहर की सफाई व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
जल्द शुरू होगा काम
C&D प्लांट के लिए टेंडर फाइनल होने के बाद संबंधित फर्म को काम शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। नगर निगम का लक्ष्य है कि अगले दो महीनों में काम पूरा हो जाए और प्लांट पूरी तरह से सक्रिय हो जाए।
आयुक्त, नगर निगम, जीतेंद्र सिंह नरूका ने बताया कि प्लांट के शुरू होने के बाद अलवर में कचरा प्रबंधन व्यवस्था में सुधार आएगा। साथ ही, मलबे से बनी टाइल्स का उपयोग कर नगर निगम की आय में भी इजाफा होने की संभावना है।
क्या होगा C&D प्लांट का फायदा?
- मलबे का सही निस्तारण: अब मलबा सड़कों पर नहीं फैलेगा, बल्कि प्लांट में पहुंचकर टाइल्स में बदला जाएगा।
- पर्यावरण संरक्षण: मलबे का रिसाइक्लिंग से सही उपयोग होगा, जिससे प्रदूषण कम होगा।
- रोजगार के नए अवसर: प्लांट संचालन और मलबा प्रबंधन में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- नगर निगम की आय बढ़ेगी: मलबे से बनी टाइल्स को बेचकर नगर निगम की आय बढ़ेगी।
- शहर होगा साफ-सुथरा: अलवर की सफाई व्यवस्था बेहतर होगी और सड़कों पर बिखरा मलबा नजर नहीं आएगा।
निष्कर्ष:
अलवर में C&D प्लांट की शुरुआत एक बड़ी पहल है, जो न केवल कचरा निस्तारण की समस्या का समाधान करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। नगर निगम का यह कदम अलवर को स्वच्छ और आधुनिक शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्या आप मानते हैं कि C&D प्लांट से राजस्थान के अन्य शहरों में भी बदलाव आ सकता है?