Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त हलचल मची हुई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने ही मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने उन्हें यह नोटिस भेजकर फोन टैपिंग (Phone Tapping) का आरोप लगाने पर तीन दिन में जवाब मांगा है।
इस घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारों में हलचल बढ़ गई है और विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है।
Rajasthan Politics: BJP ने क्यों भेजा नोटिस?
BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नोटिस में कहा गया है कि किरोड़ी लाल मीणा, पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन कर रहे हैं। पार्टी का मानना है कि मीणा ने सरकार पर गलत आरोप लगाकर पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया है।
पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस भेजा है और तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। यदि वह जवाब नहीं देते, तो इसे उनकी स्वीकृति माना जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मीणा का पलटवार – ‘मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं’
कारण बताओ नोटिस मिलने पर कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “मुझे अभी तक नोटिस की जानकारी नहीं है, लेकिन मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं। नोटिस मिलने के बाद तय समय में अपना जवाब दूंगा।”
कांग्रेस ने साधा BJP पर निशाना
भाजपा के इस कदम पर कांग्रेस ने हमला बोला है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “यह किरोड़ी लाल मीणा को निपटाने की तैयारी है। उन्होंने बजरी खनन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था, इसलिए सरकार अब उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।” उन्होंने आगे कहा, “संघर्ष करें किरोड़ी लाल, राज करेगा भजनलाल।”
नेता प्रतिपक्ष का बयान – ‘सीएम का बयान आने तक नहीं चलने देंगे सदन’
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक्स (Twitter) पर लिखा, 7 फरवरी को गृह राज्य मंत्री ने कहा था कि उन्होंने किरोड़ी मीणा का ऐसा कोई बयान नहीं सुना। लेकिन अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि उनका बयान असत्य है। अगर यह झूठ था, तो 7 फरवरी को मुख्यमंत्री ने सदन में इस पर सफाई क्यों नहीं दी? इसका मतलब साफ है कि दाल में कुछ काला है। जब तक मुख्यमंत्री खुद बयान नहीं देंगे, हम सदन नहीं चलने देंगे।
क्या किरोड़ी मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था?
किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव के बाद 4 जुलाई 2023 को जयपुर में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मीडिया को बताया था कि उन्होंने पिछले साल जून में ही मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया था। हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया और वह अब भी मंत्री पद पर कार्यरत हैं।
फोन टैपिंग का मामला क्या है?
6 फरवरी को एक जनसभा के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर फोन टैपिंग कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “मैंने भ्रष्टाचार के कई मुद्दे उठाए, लेकिन सरकार ने मेरी बातों को नजरअंदाज कर दिया। मेरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए मेरे फोन टैप किए जा रहे हैं और मेरी जासूसी कराई जा रही है।”
निष्कर्ष:
राजस्थान में इस समय भाजपा सरकार के भीतर ही घमासान मचा हुआ है। किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों और उनके खिलाफ पार्टी की कार्रवाई ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में लगी है, जबकि भाजपा अपने मंत्री से जवाब मांग रही है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी गरमाने की संभावना है।