जयपुर। अगर आप राजस्थान में किराए के मकान में रहते हैं या मकान किराए पर देने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। राजस्थान सरकार ने किराए के मकानों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिससे अब किराएदारों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है। यह नियम एक साल से कम अवधि के किराएदारों के लिए खासतौर पर प्रभावी होगा।
सरकार के इस कदम से मकान मालिकों और किराएदारों के बीच होने वाले विवादों में कमी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी। आइए जानते हैं कि इस नए नियम से किन-किन लोगों को फायदा होगा और क्या बदलेगा किराए की प्रक्रिया में।
क्यों लाया गया नया नियम?
राजस्थान में कई लोग काम, पढ़ाई और बिजनेस के लिए अलग-अलग शहरों में किराए पर रहते हैं। ऐसे में मकान मालिक और किराएदारों के बीच होने वाले विवाद, फर्जीवाड़े और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह नया नियम लागू किया है।
अब यदि कोई व्यक्ति एक साल से कम समय के लिए किराए पर रहता है, तो उसे रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इससे न केवल किराएदारों की सही जानकारी सरकार और मकान मालिकों के पास रहेगी, बल्कि कानूनी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
ऑनलाइन होगा किराएदारों का रजिस्ट्रेशन
सरकार ने किराएदारों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी है। अब लोग बिना किसी झंझट के घर बैठे ही रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे और किसी सरकारी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इससे पहले मकान मालिकों को किराएदार की जानकारी पुलिस स्टेशन या नगर निगम में दर्ज करवानी पड़ती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया डिजिटल पोर्टल के माध्यम से होगी। इससे किराए के मकान से जुड़े फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगाई जा सकेगी।
कितनी देनी होगी स्टाम्प ड्यूटी?
फिलहाल राजस्थान में किराएनामे पर 0.02% स्टाम्प ड्यूटी लागू होती है। लेकिन सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए नया नियम बनाया है, जिसके तहत:
- 10 लाख रुपए तक की संपत्ति के किराएनामे पर केवल 200 रुपए स्टाम्प ड्यूटी लगेगी।
- इससे छोटे किराएदारों को राहत मिलेगी और सरकारी रजिस्ट्रेशन से किराए की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
मकान मालिकों को होगा बड़ा फायदा
इस नियम से मकान मालिकों को भी कई लाभ मिलेंगे। कई बार किराएदारों से जुड़ी जानकारी का अभाव होने के कारण विवाद बढ़ जाते हैं। अब नए नियम के तहत मकान मालिकों के पास किराएदारों की पूरी जानकारी होगी, जिससे:
- अगर कोई विवाद होता है, तो पुलिस और प्रशासन किराएदार की पूरी डिटेल आसानी से निकाल सकेंगे।
- फर्जी दस्तावेजों से मकान किराए पर लेने की घटनाओं पर रोक लगेगी।
- अवैध गतिविधियों में शामिल किराएदारों की पहचान जल्द हो सकेगी।
इस बदलाव के बाद मकान मालिक और किराएदार दोनों को सुरक्षा मिलेगी और किराए के मकानों से जुड़े मामलों में पारदर्शिता आएगी।
किराए पर मकान लेने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
अगर आप राजस्थान में किराए पर मकान लेने जा रहे हैं, तो इन नियमों का पालन करना जरूरी होगा:
रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा, खासकर एक साल से कम समय के लिए रहने वालों के लिए।
ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए घर बैठे ही रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।
स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान निर्धारित दर पर करना होगा।
मकान मालिक को किराएदार की पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी, जिससे बाद में किसी भी विवाद से बचा जा सके।
निष्कर्ष :
राजस्थान सरकार का यह नया नियम किराएदारों और मकान मालिकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे किराए की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी। साथ ही, रजिस्ट्रेशन पूरी तरह ऑनलाइन होने से लोगों का समय और मेहनत भी बचेगी।
अगर आप राजस्थान में किराए पर मकान लेने या देने की सोच रहे हैं, तो इस नए नियम की पूरी जानकारी रखना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ कानूनी सुरक्षा मिलेगी बल्कि भविष्य में होने वाले विवादों से भी बचाव होगा।