Rajasthan Today News: Rajasthan तो वैसे देश का सबसे बड़ा प्रदेश माना जाता है लेकिन अक्सर ही यहां गर्मियों में सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी में भी कमी देखी जाती है जिसके कारण किसान लोग परेशान हो जाते हैं कि पानी पीने पीने के लिए भी नहीं मिलता तो सिंचाई के लिए कैसे मिलेगा। लेकिन अब राजस्थान के इस जिले में किसानों के बल्ले बल्ले हो जाने वाली है क्योंकि उनको बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है।
Rajasthan में पानी का मुद्दा एक गंभीर समस्या ही रहा है अक्सर यहां लोग पानी पीने के लिए भी दर-दर भटकते हैं और सिंचाई के लिए तो बात ही क्या कहना, लेकिन अब इस शहर में या कहे तो इस जिले में पानी की परेशानी से राहत मिलने वाली है दर असल आपको बता दें कि अलवर में अब एक योजना के तहत एक नहर बनने जा रही है।
अब Rajasthan के अलवर जिले के लोगों की प्यास पावर्ती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत भविष्य में बुझती हुयी नजर आ सकती है।
हालांकि इस योजना के पहले चरण में सिर्फ Rajasthan के अलवर निवासियों को ही मात्र पीने का पानी ही मिलेगा । फिर बाद में इस योजना के द्वतीय चरण में किसानों को भी नहर से ज्यादा मात्रा में पानी मिलने के उम्मीद है।
ऐसे बनाया जायेगा पानी के लिए रास्ता :
यह नहर अब करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा गांव से राजगढ़ तहसील में आयेगी। बतादे की राजगढ़ के धमरेड़ बांध ही पहले ही नहर का पानी ले लेगा। तब बाद में नटनी के बारां में पानी भर दिया जाएगा। जहां से पानी कों दो भागो में विभाजित होना होगा ।
वही जल को रूपारेल नदी से घाट बांध तक भेजनें के लिए एक लिंक नहर भी जयसमंद बांध तक भेजा जाएगा, जबकि दूसरा लिंक सिर्फ नहर जयसमंद बांध तक ही जा सकेगा। लेकिन अभी यह निर्धारित करना शेष है कि कृत्रिम बांध कों बनाये जाने के लिए जयसमंद बांध से कौनकौन तरफ से नहर निकाली जा सकेगी :
Rajasthan में घटना की पूरी फाइल:
धमरेड़ से नटनी के बांध 45 से 50 किलोमीटर दूर।अलवर से खुर्रा-चैनपुरा (करौली जिला) 150 किलोमीटर दूर है. नटनी से जयसमंद बांध 12 किलोमीटर, नटनी बांध से रूपारेल सहित घाट बांध 40 किलोमीटर दूर। जयसमंद बांध से सिलीसेढ़ बांध की दूरी 8 किलोमीटर।
आपको बतादे की Rajasthan में ईआरसीपी योजना को अब करौली जिले के खुर्रा-चैनपुरा से पानी मिल सकेगा। अलवर को नहर से अब लगभग 200 मिलियन क्यूबिक मीटर तक पानी मिल जायेगा। वही कृत्रिम बांध नहर का पानी अलवर जिले को देता हुआ नजर आएगा। लेकिन Rajasthan में इस परियोजना के लिए जलदाय विभाग ही निर्धारित कर सकेगा कि किस किस क्षेत्र से आम जनता को पानी देना होगा ।यहां तक की विभाग अब कृत्रिम बांध बनाने की तैयारी में भी जुट गया है।