Rajasthan Urban Local Bodies (शहरी स्थानीय निकाय) को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अनुसूचित क्षेत्रों में बनाई गई नई नगर पालिकाओं की अधिसूचना रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्वायत्त शासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने विधानसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन नगर पालिकाओं के गठन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद न्यायालय ने अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। अब सरकार इन क्षेत्रों को फिर से ग्राम पंचायतों में तब्दील करने की तैयारी कर रही है।
नगर पालिकाओं को ग्राम पंचायतों में बदला जाएगा
स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में बताया कि इन नई नगर पालिकाओं को ग्राम पंचायतों में तब्दील करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि स्थानीय जनप्रतिनिधि और आम जनता की मांग आती है, और जांच रिपोर्ट अनुकूल मिलती है, तो सरकार फिर से इन क्षेत्रों को नगर पालिका का दर्जा देने पर विचार कर सकती है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन कर रही है, और किसी भी क्षेत्र की अधिसूचना रद्द करने की प्रक्रिया पूरी तरह कानून के दायरे में होगी।
उच्च न्यायालय का आदेश और अधिसूचना पर रोक
इन नगर पालिकाओं के गठन को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाया था कि इन क्षेत्रों में नगर पालिका बनाने की वैधता पर पुनर्विचार होना चाहिए। अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए इनकी अधिसूचना पर रोक लगा दी थी।
स्वायत्त शासन मंत्री ने कहा कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत जिला कलेक्टर से प्रस्ताव मिलने, परीक्षण होने और अनुमोदन मिलने के बाद ही किसी क्षेत्र को नगर पालिका घोषित किया जाता है। अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए इन नगर पालिकाओं की अधिसूचना रद्द कर दी जाएगी और इन्हें फिर से ग्राम पंचायतों में बदला जाएगा।
केंद्र सरकार की अधिसूचना और अनुसूचित क्षेत्र का दर्जा
राज्य मंत्री ने विधानसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने 19 मई 2018 को एक अधिसूचना जारी कर बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, राजसमंद और सिरोही जिलों के कुछ क्षेत्रों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया था। इसके बाद इन क्षेत्रों में नई नगर पालिकाओं का गठन किया गया था।
अब इन क्षेत्रों को फिर से ग्राम पंचायतों में तब्दील किया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में बदलाव होगा।
किन जिलों की नगर पालिकाओं पर असर पड़ेगा?
राजस्थान के जिन जिलों में नई नगर पालिकाओं का गठन हुआ था, Rajasthan Urban Local Bodies अब वहां ग्राम पंचायत बनने का रास्ता साफ हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों की सूची इस प्रकार है:
- उदयपुर: सेमारी, सराड़ा-चावंड, खेरवाड़ा, झाड़ोल, ऋषभदेव
- डूंगरपुर: सीमलवाड़ा
- बांसवाड़ा: घाटोल
- प्रतापगढ़: धरियावद, दलोट
इन सभी क्षेत्रों में नई नगर पालिकाएं बनी थीं, लेकिन अब उन्हें वापस ग्राम पंचायत में बदलने की तैयारी है।
जनता और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया Rajasthan Urban Local Bodies
सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छिड़ गई है। कुछ जनप्रतिनिधि इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ विरोध जता रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका बनने से क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिल रही थी, लेकिन अब ग्राम पंचायत में बदलने से विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है।
वहीं, मंत्री ने साफ कहा कि अगर भविष्य में स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा दोबारा नगर पालिका की मांग आती है, और जांच-पड़ताल के बाद रिपोर्ट सकारात्मक आती है, तो सरकार फिर से नगर पालिका का दर्जा बहाल करने पर विचार करेगी।
निष्कर्ष: आगे क्या?
सरकार का यह फैसला ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है। जहां एक ओर कुछ लोग इसे विकास में बाधा मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बता रही है।
Rajasthan Urban Local Bodies: अब सवाल यह है कि क्या इन क्षेत्रों को फिर से नगर पालिका का दर्जा मिलेगा, या ग्राम पंचायत का ढांचा ही बेहतर साबित होगा?
आपकी राय क्या है — क्या सरकार का यह कदम सही है, या इन क्षेत्रों को नगर पालिका का दर्जा बना रहना चाहिए? अपनी राय हमें जरूर बताएं!