Shahjahanpur News : लड़की से लड़का बनी सरिता और आज वो बना ‘बेटे’ का बाप!, शरद सिंह की कहानी ने हर किसी को हैरान किया, जानिए पूरा सच

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Shahjahanpur News : जिसे लोग कभी ‘सरिता’ कहते थे, आज वो बन गया पिता! शाहजहांपुर में सेक्स चेंज के बाद शरद सिंह के घर गूंजी किलकारी, जानिए चौंकाने वाली पूरी कहानी!

शाहजहांपुर की अनोखी कहानी: लड़की से लड़का बना शख्स अब बन गया पिता!

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया है। यह कहानी है सरिता से शरद सिंह बने उस इंसान की, जिसने अपनी पहचान, जिंदगी और समाज के सोचने के तरीके – तीनों को ही बदल डाला। और अब, इस शख्स के घर में एक नए जीवन ने दस्तक दी है। जी हां, शरद सिंह अब पिता बन चुके हैं!

इस खबर ने सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ पोर्टल्स तक हर जगह तहलका मचा दिया है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर कैसे सरिता ने खुद को शरद में बदला, कैसे हुई शादी और अब कैसे गूंजी किलकारी!


दो साल पहले लिया जीवन बदलने वाला फैसला

शरद सिंह, जो जन्म के समय एक महिला के रूप में दुनिया में आए थे और जिनका नाम सरिता था, उन्होंने साल 2023 की शुरुआत में मध्य प्रदेश के इंदौर में जाकर लिंग परिवर्तन (Sex Change Surgery) करवाई थी। यह सर्जरी मेडिकल और मानसिक रूप से बेहद जटिल होती है, लेकिन शरद ने समाज की परवाह किए बिना अपने सपनों को चुना।

लिंग परिवर्तन के बाद उनका नाम कानूनी रूप से सरिता से शरद सिंह में बदल दिया गया। इसके बाद उन्होंने खुलकर एक पुरुष की तरह जिंदगी जीना शुरू कर दिया।


Shahjahanpur News : प्यार, शादी और अब परिवार

लिंग परिवर्तन के बाद शरद सिंह ने 23 नवंबर 2023 को पीलीभीत के देवहा गांव की रहने वाली सविता सिंह से शादी कर ली। दोनों की दोस्ती पहले से थी और सविता ने शरद के ट्रांसजेंडर होने के फैसले को भी पूरी तरह स्वीकार किया। यह शादी समाज के लिए एक मिसाल बन गई, क्योंकि यह सिर्फ प्यार नहीं, बल्कि स्वीकृति और समझदारी की मिसाल भी थी।

अब, इसी प्रेम की कहानी में एक और खूबसूरत अध्याय जुड़ गया है।


बेटे की किलकारी से गूंजा घर

बुधवार सुबह सविता सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने ऑपरेशन के जरिए एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। इस खबर से शरद सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पिता बनने के बाद उन्होंने कहा:

मेरी पहचान अब पूरी हो चुकी है। समाज मुझे जो चाहे कहे, लेकिन आज मैं सबसे ज्यादा खुश हूं क्योंकि मैं अब एक पिता हूं।


समाज में एक नई सोच की शुरुआत

शरद सिंह की यह कहानी सिर्फ एक इंसान की जर्नी नहीं है, बल्कि यह उस समाज को आइना दिखाती है जो अक्सर जेंडर, पहचान और ट्रांस लोगों को लेकर सीमित सोच रखता है। शरद और सविता की जोड़ी ने साबित किया है कि अगर साथ हो, तो हर दीवार गिराई जा सकती है।

यह कहानी लाखों ट्रांसजेंडर लोगों के लिए उम्मीद की किरण है – कि वो भी समाज में सम्मानपूर्वक, परिवार के साथ जीवन जी सकते हैं।


सोशल मीडिया पर वायरल, देशभर में चर्चा

यह खबर जैसे ही मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर आई, तुरंत वायरल हो गई। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर यूजर्स इस कपल को बधाइयाँ दे रहे हैं और इसे एक “ब्रेव मूवमेंट” कह रहे हैं। कई लोगों ने इसे एक “इंस्पिरेशनल स्टोरी” बताया है।

ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा:
“ये खबर बताती है कि प्यार और हिम्मत के आगे कुछ भी असंभव नहीं है। शरद और सविता को सलाम!”


लोन, मेडिकल खर्च और ट्रांस कम्युनिटी की जरूरतें

शरद सिंह की सर्जरी और मेडिकल प्रोसेस में काफी खर्च आया, जिसे उन्होंने अपने सेविंग्स और एक पर्सनल लोन की मदद से पूरा किया। भारत में जेंडर चेंज सर्जरी की कीमत लाखों में होती है, और ट्रांसजेंडर लोगों को बैंकिंग सेवाओं में अभी भी कई बाधाएं आती हैं।

सरकार को ऐसे मामलों में स्पेशल ट्रांसजेंडर हेल्थ स्कीम्स और लो-इंटरेस्ट मेडिकल लोन पर विचार करना चाहिए, ताकि समाज का हर व्यक्ति समान अधिकारों के साथ जी सके।


निष्कर्ष: एक सोच बदलने वाली कहानी

शाहजहांपुर के शरद सिंह की यह कहानी हमें सिखाती है कि पहचान कोई बंधन नहीं है, यह एक अधिकार है। शरद ने अपने हक की लड़ाई लड़ी और अब एक खुशहाल परिवार के साथ जी रहे हैं। यह कहानी न सिर्फ ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक “वेक अप कॉल” है।

तो अगली बार जब आप किसी को उसकी पहचान के आधार पर जज करें, तो यह कहानी जरूर याद रखिएगा।


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