RTI में खुलासा : आज कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत का एक ट्विट देखा, जिस में उस ने बताया कि रेल में दिये जाने वाले कंबल महीने में एक बार ही धोये जाते हैं।
अच्छी बात है कि किसी भी गलत नीति पर सरकार व जनता को अवगत करवाना लेकिन उस से पहले आरोप लगाने वाले को खुद के गिरेबान में भी झाँक लेना चाहिये।
कांग्रेस के शासन में यही समय दो महीने का था और जब संसद में यह सवाल उठाया गया तो कांग्रेस शासन के रेल मंत्री का दो टूक जवाब था कि यात्री अपना बिस्तर स्वयं ही लायें लेकिन रेलवे को किराया देना ही होगा।
पढ़िए आखिर तत्कालीन रेल मंत्री ने क्या कहा था…
रेल यात्रा के दौरान कभी-कभी रेलवे के कंबल की बदबू ने आप को भी परेशान किया होगा। दरअसल ये कंबल दो महीने में केवल एक बार ही धोए जाते हैं। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने खुद यह जानकारी दी है।
राज्यसभा में शुक्रवार को प्रश्न काल के दौरान कई सदस्यों ने रेलवे विभाग द्वारा ट्रेनों में दिए जाने वाले बिस्तर की गुणवत्ता तथा स्वच्छता को ले कर सवाल पूछे।
इस पर सिन्हा ने बताया कि बेडशीट, बेड रोल और तकियों के कवर को हर दिन धोया जाता है, जबकि कंबल के साथ ऐसा नहीं है।
राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने इस पर पुरानी व्यवस्था को अच्छा बताया, जब यात्री अपना बिस्तर साथ ले कर जाते थे। कांग्रेस के एक सांसद ने भी इस का समर्थन किया और पूछा कि क्या मंत्री इस की अनुमति देंगे।
जवाब में सिन्हा ने कहा कि यह एक अच्छी सलाह है और यदि यात्री पुरानी व्यवस्था को अपनाना चाहते हैं तो रेलवे को इस से परेशानी नहीं है।