Zakir Hussain Death: नहीं रहे ताजमहल को ‘वाह ताज’ की उपमा देने वाले भारत व दुनिया के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन…पढ़े पूरी खबर

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Zakir Hussain Death: अरे हुजूर, वाह ताज बोलिए कहने वाले मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का आज निधन हो गया है। हुसैन को दिल से जुड़ी समस्याओं के बाद अमेरिका राज्य कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में भर्ती कराया गया था। यहां उन का इलाज ICU में किया जा रहा था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्होंने आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया है..आइए जानते है क्या है पूरी खबर…अधिक पढ़े.

Zakir Hussain जन्म: मुंबई में हुआ था जन्म

मुंबई में जन्मे उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को हुआ था। उन के पिता का नाम उस्ताद अल्लाह रक्खा कुरैशी और मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर के पिता भी तबला वादक थे।ज़ाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में ही बीता। 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ को बिखेरना शुरू कर दिया था।

Zakir Hussain Death: दुनिया के मशहूर तबला वादक की जीवनी 

प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद ज़ाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया। 1973 में उन का पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था। उस के बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया भर में बिखेरेंगे। 1979 से ले कर 2007 तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे। ज़ाकिर हुसैन भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं साथ ही साथ विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं।

Zakir Hussain: कम उम्र में तीन बड़े पुरस्कार से समानित  

पुरुस्कार : पद्मश्री से ग्रेमी तक का सफ़र 1988 में जब उन्हें पद्म श्री का पुरस्कार मिला था तब वह महज 37 वर्ष के थे और इस उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी थे। इसी तरह 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था। ज़ाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला है। 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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